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जानिए मुसलमान भाजपा को वोट क्यों नहीं देते !

मुसलमान भाजपा

मुसलमान भाजपा को वोट क्यों नहीं देते हैं.

ये एक ऐसा सवाल है जिसे हर कोई जानना चाहता है.

आखिर क्या कारण है कि देश की सबसे बड़े राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी जिसकी की केंद्र सहित कई राज्यों में सरकार है उससे मुसलमान दूरी बनाए हुए है.

दरअसल, इसके पीछे दो मुख्य कारण है. एक तो बाबरी ढ़ाचा गिराए जाने को लेकर मुसलमान भाजपा को जिम्मेंदार मानते है, क्योंकि राम मंदिर न केवल भाजपा के राजनैतिक एजेंडे में है बल्कि 90 के दशक के शुरूआत से ही भाजपा इसके लिए विश्व हिंदू परिषद के साथ मिलकर आंदोलन भी चलाया था.

भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी उस समय राम रथ यात्रा लेकर भी देश भर में घुमे भी थे. फिर 6 दिसंबर 1992 को जिस वक्त बाबरी ढ़ाचा गिराया गया उस समय उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार थी.

इसको भाजपा विरोधी दलों ने मुसलमान के बीच खूब भुनाया भी था. उन्होंने भाजपा की राजनीतिक बढ़त को रोकने के लिए इसको मुसलमानों के बीच खूब प्रचारित किया.

वहीं अभी मुसलमान इस घटना से बाहर आ पाते कि गुजरात में गोधरा में ट्रेन में कार सेवकों को जला मार दिया गया. इसके बदले में वहां जो प्रतिक्रिया हुई उसने मुसलमानों के मन में भाजपा के प्रति नफरत पैदा कर दी.

क्योंकि जिस वक्त गुजरात में दंगे हुए वहां नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. इसकों देश के तथाकथित बुद्धिजीवियों और वामपंथियों ने इस प्रकार प्रचारित किया जैसे कि ये दंगे नरेंद्र मोदी और संघ द्वारा प्री प्लांड और प्रायोजित थे.

वहीं इन सब से हटकर एक बड़ा कारण जो मुसलमानो को भाजपा से दूरी बनाने के लिए प्रेरित करना है वह मौलानाओं का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लेकर उनका संकीर्ण नजरिया. उनका लगता है कि संघ का जो हिंदू राष्ट्र का नजरिया है उसमें मुसलमानों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है. और भाजपा संघ का ही राजनीतिक विंग है.

भाजपा यदि केंद्र के साथ सभी राज्यों में सत्ता में आई तो उसका लोक सभा और राज्य सभा के साथ राज्यों की विधायिका पर नियंत्रण हो जाएगा. ऐसी स्थिति में संघ अपना हिंदुत्व का एजेंडा पूरे देश में लागू करवा देगा.

उस स्थिति में मुसलमान देश में दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह जाएंगे. क्योंकि तब भारत में मुसलमानों से वोट डालने का अधिकार भी ले लिया जाएगा.

क्योंकि अभी जिस प्रकार हिंदू संगठनों द्वारा मुस्लिमों की तेजी से बढ़ती आबादी को लेकर बार बार ये मांग उठाई जाती रह है कि जिसके भी दो से अधिक बच्चे होंगे उसके वोट के अधिकार को समाप्त कर दिया जाए.

यही कारण है कि मुसलमान भाजपा के सत्ता में आने को लेकर मुस्लिम मौलानाओं के झूठे प्रोपेगेंडा का शिकार होकर भाजपा को वोट करने से डरता है.