Categories: विशेष

दुनिया का सबसे पुराना महाविद्यालय, ‘नालंदा’, आखिर क्यों बर्बाद किया था तुर्किस्तान की मुस्लिम सेना ने?

एक समय पर नालंदा महाविद्यालय दुनियाभर में प्रसिद्ध था.

पाटलिपुत्र, सम्राट अशोक के समय में भारत की राजधानी थी और इस राजधानी की सबसे आकर्षक जगह थी ‘नालंदा’ महाविद्यालय.

ज्ञान सागर, नालंदा महाविद्यालय!

नालंदा महाविद्यालय दुनिया का सबसे पहला महाविद्यालय था.

यहाँ पर तरह-तरह के विषयों को पढने वाले हज़ारों विद्यार्थी रहते थे. यह महाविद्यालय दुनिया का सबसे पहला महाविद्यालय था जिसमें सारे के सारे विद्यार्थी रह सकते थे. यह महाविद्यालय करीब 700 सालों तक चलता रहा.

अब आप ही बताइए कि भला ऐसी जगह को कौन तहस-महस करना चाहेगा?

मुझे यकीन है कि कोई भारतीय ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहेगा. लेकिन मित्रों, नालंदा महाविद्यालय तहस-महस हो चुका है और उसे तहस-महस करनेवाले और कोई नहीं, तुर्किस्तान की मुस्लिम सेना थी.

बख्तियार खिलजी ने, सन 1193 में अपनी सेना से भारत में घुसपैट करके नालंदा महाविद्यालय के साथ-साथ कई ऐतिहासिक जगहों पर तोड़-फोड़ की और भारत के इतिहास को भारी नुक्सान भी पहुंचाया. इन सैनिकों ने हज़ारों किताबें भी जला डालीं और सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं को मौत के घाट उतार दिया.

अब सवाल यह उठता हैं कि तुर्किस्तान के बख्तियार खिलजी और उनके मुस्लिम सैनिकों ने ऐसा क्यों किया? ज़ाहिर तौर पर अपना साम्राज्य फैलाने के लिए…

लेकिन क्या अपना साम्राज्य फैलाने के लिए दूसरे देशों पर हमला करके उनके धर्म से सम्बंधित सभी चीज़ों को नष्ट कर देना सही है?

जब कोई मुसलमान बाबरी मस्जिद के बारे में कुछ बोलता है तो उसे नालंदा और नालंदा जैसी कई जगहों का उदाहरण देना चाहिए, फिर शायद उसकी बोलती बंद हो जाए!

मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि मुसलमान गलत हैं और हिन्दुओं की बिरादरी उनसे ऊंची हैं. नहीं! मैं ऐसा कहना बिलकुल नहीं चाहता. मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि अपनी सल्तनत दूसरे देशों में फैलानेवालों को आखिर में क्या हाथ लगी? निराशा!

अपनी सल्तनत फैलाने के चक्कर में ऐसी नीच हरकत करने वाले सिर्फ तुर्क नहीं हैं, अंग्रेजों ने भी ऐसी ही नीच हरकत की थी और भारत में रहनेवाले हिन्दुओं और मुसलामानों को इस तरह से जुदा किया की तीन अलग देश बन गए! कितनी दुःख की बात है कि एक तरह से धर्म ही धर्म के विरुद्ध काम कर रहा है. अपना धर्म फैलाना है तो दूसरे के धर्म को ख़त्म करना ही पड़ेगा!

ये धर्मयुद्ध आज भी कायम है और शायद आनेवाले समय तक कायम रहेगा.

इससे किस तरह से बचा जाए, इसका फैसला सिर्फ हिंदू या मुसलमान नहीं, बल्कि इंसान को लेना चाहिए.

तभी हमें अल्लाह, खुदा, भगवान्, God का सही मतलब समझेगा!

धन्यवाद!

Durgesh Dwivedi

Share
Published by
Durgesh Dwivedi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago