पिछले कुछ समय से बार-बार यह सुनने में आ रहा है कि मटर टेरेसा, जिसे सब इंसानियत का भगवान मानते हैं, वह फ्रॉड थीं.
लेकिन आप और हम तो आज तक वह को गरीबों का मसीहा मानते हैं. जिसका कोई नहीं होता था उसको टेरेसा गले लगती थीं.
मदर टेरेसा का जन्म अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, ओटोमन साम्राज्य में हुआ था. मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिनके पास भारतीय नागरिकता थी. सन 1950 में इन्होनें कलकत्ता में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की स्थापना की थी. इसके बाद मदर टेरेसा ने कुछ 45 सालों तक गरीब, असहाय, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोंगों की मदद की थी.
लेकिन ऐसा क्या हुआ कि आज इस देवी पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह फ्रॉड थीं.
पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अब बांग्लादेश की विख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने यह आरोप लगाये हैं.
आज यंगिस्थान इसी वायरल सच की जांच-पड़ताल कर पूरा सच आपके सामने लाने की कोशिश कर रहा है ताकि जो सच है वह सामने आ जाए.
तो इसी क्रम में सबसे पहले पढ़ते हैं कि मदर टेरेसा पर क्या आरोप लग रहे हैं-
1. इसाई धर्म का प्रचार कर रही थीं
आरोप है कि मदर टेरेसा इसाई धर्म का प्रचार कर रही थीं. वह अपने आप को गरीबों के बीच भगवान बना चुकी थीं और लोगों की बीमारियाँ चुटकी में सही कर रही थीं.इसके बाद इन लोगों को इसाई धर्म की बातें बताई जाती थीं.
2. धर्म परिवर्तन करा रही थीं मदर टेरेसा
आरोप है कि मदर टेरेसा लोगों का धर्म परिवर्तन कराने में लगी हुई थीं. लोगों को धर्म के नाम पर बहलाकर वह बाद में लोगों को इसाई धर्म में पंहुचा रही थीं.
3. इसाई देशों से ले रहीं थीं पैसा
हिन्दू लोगों को इसाई धर्म में लाने के लिए मदर टेरेसा इसाई देशों से मोटा पैसा ले रही थीं. यह पैसा कहाँ से आ रहा था और कितना आ आ रहा था इसका अंदाजा किसी के पास नहीं है.
4. कई बार हुआ दवाओं का परीक्षण
जो लोग मदर टेरेसा की संस्था के पास बीमार आते थे, उनको जो दवायें फ्री दी जाती थीं हकीकत में वः दवायें ही ट्रायल पर होती थीं. लोगों पर दवाओं का ट्रायल हो रहा था. इसका धन भी मदर टेरेसा पर आता था.
5. पूरी तरह से धन के लिए काम करती थीं मदर टेरेसा
आरोप है कि मदर टेरेसा पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ धन के लिए काम करती थीं. उनको सिर्फ और सिर्फ धन से मतलब होता था. सबसे बड़ी बात यह है कि वह भारत के अलावा विश्व के अन्य देशों में भी यही खेल, खेल रही थीं.
तो क्या है पूरा सच-
तो आखिर में सच की बात करें तो यह आरोप आधे सच्चे हैं और आधे झूठे हैं. लोग आरोप तो लगा रहे हैं किन्तु उसका सबूत कोई नहीं दे रहा है. हाँ यह तो सच है कि जहाँ मदर टेरेसा काम कर रही थीं वहां धर्म परिवर्तन तो हुआ है. काफी संख्या में लोग इसाई बने हैं और आज भी वह इसाई हैं. लेकिन अब जो आरोप है कि मदर टेरेसा इस काम के लिए मोटा धन लेती थीं तो उसका कोई सबूत नहीं है. सरकार का काम था कि वह इस पर नजर रखें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
दवाओं के परीक्षण की बात है तो यह बात भी अब सामने आई है कि लोगों पर परीक्षण हुए हैं किन्तु मदर टेरेसा की भूमिका कितनी थी यह साफ़ नहीं है. इसलिए इस आरोप से इनको बरी किया जाता है.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कुछ भी हो या कैसा भी हो किन्तु वह गरीब लोगों को दो वक़्त की रोटी तो खिला रही थीं.
अगर लोग भूखे हैं और एक धर्म उनको धर्म परिवर्तन कर रोटियां खिला रहा है तो वह लोग किसी धर्म को छोड़ सकते हैं. इसलिए उन्होंने रोटी के लिए हिन्दू धर्म को छोड़ा.
अब यह कहना कि मदर टेरेसा ऐसा करा रहीं थीं पूरी तरह से सही नहीं होगा. हाँ वह इसाई थीं तो हर व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार करता है वहीँ काम शायद मदर टेरेसा भी कर रहीं थीं.
आगे का फैसला आपको करना है कि क्या वाकई अब आप मदर टेरेसा को दोषी मानते हो.
आपकी राय का हमें इन्तजार रहेगा और अपनी राय हमें आप कमेंट बॉक्स द्वारा भेज सकते हैं.
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