राजनीति में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो सादगी से रहते हैं और इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम जरूर आता है। उन्हें तेज गुस्से और तेज तर्रार छवि के लिए जाना जाता है।
आज हम आपको ममता बनर्जी के राजनीतिक ही नहीं बल्कि निजी जीवन के बारे में भी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जैसे कि उन्होंने कभी शादी क्यों नहीं की और वो हमेशा सफेद साड़ी ही क्यों पहनती हैं।
पश्चिम बंगाल की ममता
ममता का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में 5 जनवरी 1955 को हुआ था।
आज वो 63 साल की हो चुकी हैं। उनके पिता का नाम प्रोमिलेश्वर बनर्जी और माता का नाम गायत्री था। ममता बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन जोगमया देवी कॉलेज से इतिहास में की थी। इसके बाद उन्होंने कोलकामा विवि से इस्लामिक इतिहास में एमए किया।
वकालत की पढ़ाई भी कर चुकी हैं
ममता बनर्जी ने कानून की पढ़ाई भी कर रखी है। एमए करने के बाद उन्होंने श्री शिक्षायातन कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उनका मन कानून की पढ़ाई करने का किया और उन्होंने इस कोर्स में एडमिशन ले लिया। ममता ने एलएलबी भी किया हुआ है। इसकी डिग्री उन्होंने कोलकाता के जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से ली है।
कांग्रेस से की शुरुआत
एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही ममता ने कांग्रेस से राजनीति में एंट्री मार दी थी। तब ममता छात्रा थीं और उस दौरान वो जयप्रकाश नारायण की कार के बोनट पर चढ़ गई थीं। उनका आरोप था कि सरकार निकम्मी है और वो इसका विरोध कर रहीं थी।
राजनीतिक सफर
1997 में ममता ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की नींव रखी। 1998 में उनकी पार्टी औपचारिक रूप से अस्तित्व में आई। साल 1999 में एनडीए सरकार में मंत्री बनी। 2001 में एनडीए को छोडा और फिर वापसी की। इसके बाद वो कोयला मंत्रालय की मंत्री बनीं। साल 2011 में ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनाया गया।
क्यों रहीं जीवनभर कुंवारी
ममता बनर्जी ने कभी शादी नहीं की और उम्र भर कुंवारी ही रहीं। इसकी एक वजह ये भी है कि वो सामाजिक परंपराओं की विरोधी थीं। उनमें समाज सेवा का भाव तो था लेकिन इस वजह से वो घर नहीं बसाना चाहती थीं। समाज सेवा के लिए उन्होंने कभी शादी ना करने का फैसला किया। बस इसी वजह से ममता बनर्जी आज तक कुंवारी हैं।
सफेद साड़ी पहनने का कारण
आपने अकसर नीली कन्नी वाली सफेद साड़ी में ही ममता बनर्जी को देखा होगा। इसके पीछे ये वजह है कि जब 9 साल की उम्र में उनके पिता का देहांत हुआ था तो उस समय वो बहुत गरीब थे। गरीबी में रही ममता को कपड़े खरीदने और इकट्ठा करने का शौक ही नहीं है। आज भी उनके घर जो मेहमान आते हैं वो उन्हें मुरमुरे और पानी ही देती हैं।
इस जानकारी को पढ़ने के बाद पता चलता है कि भारत की राजनीति में कितने रोचक नेता भरे हुए हैं। वाकई में ममता बनर्जी का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं है।