4) भावुकता
जहाँ दिल का या जिस्म का रिश्ता कायम हुआ, वहीँ आपके भाव आपकी विवेकपूर्ण सोच पर हावी हो जाएँगे! काम के वक़्त आपके दिमाग़ की ज़्यादा जरूररत होती है बजाये दिल की! आपका हर फ़ैसला अगर दिल से लिया गया और वो भी आपके सहकर्मी को ध्यान में रखते हुए तो कैसे काम कर पाएँगे आप?