पहली कथा गणेश की उत्पत्ति को लेकर है
एक बार पार्वती स्नान कर रही थी और उन्होंने अपनी रक्षा के लिए गणेश की रचना की.
जब शिव आये तो गणेश ने उनको प्रवेश करने से रोका. क्रुद्ध होकर शिव ने गणेश का सिर काट दिया. जब पार्वती को ये बात पता चली तो उन्होंने विलाप करते हुए शिव से उनके पुत्र को पुनर्जीवित करने को कहा.
शिव और विष्णु ने एक हाथी का सिर गणेश के सिर के स्थान पर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया और कहा कि गणेश आज से पर्थ पुज्य होंगे. कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश की पूजा अर्चना से ही होगी अन्यथा वो कार्य सफल नहीं होगा. उसके बाद से ही किसी भी कार्य से पहले सर्वप्रथम गणेश को पूजा जाता है.