आमतौर पर लोग कहते हैं कि लड़कियां अपने दिल का हाल सिर्फ एक लड़की से ही करती हैं, चाहे किसी लड़की की बात हो या फिर अपने बॉयफ्रेंड के बारे में हर बात वो अपने किसी सहेली को ही बताती हैं. वो ज़माना गया जब लड़कियां ऐसा करती थीं, लेकिन अब बात बदल गई है. अब लड़कियां अपने दिल की बात सिर्फ और सिर्फ लड़कों से ही करती हैं. आखिर ऐसा क्या हो गया कि ये बदलाव हो गया ?
असल में बात ये है कि अब लड़कियों को लड़कों के ऊपर ज्यादा भरोसा करती हैं. लड़कियों के दिल की बात लड़के अच्छी तरह से समझते हैं और उन्हें अच्छी सलाह देते हैं. सबसे बड़ी बात ये है की लड़कियों को बोलने की आदत होती है. वो किसी की सुनना नहीं चाहती. वो जब बोलती हैं तो एक्सप्रेस ट्रेन की तरह बोलती ही जाती हैं. वो नॉन स्टॉप बोलती हैं और सामने वाले को मार मार कर सुनाती हैं.
सारी लड़कियों की आदत एक जैसी ही होती है इसलिए वो एक-दूसरे की बात नहीं करतीं. वो एक दुसरे से जलती हैं और ये नहीं चाहतीं कि कोई भी लड़की इनकी बात सुनकर सिर्फ सिर्फ दूसरी लड़कियों से गॉसिप करेगी और कुछ नहीं. उदहारण के लिए अगर किसी लड़की की बात कॉलेज में किसी एक लड़की को पता चल गई तो वो कुछ ही मिनटों के भीतर सबको फैला देंगी. वो उस बात में मिर्च मसाला लगाकर पूरे कॉलेज में फैला देंगी.
लड़कों के साथ लड़कियां बहुत ही सहज महसूस करती हैं. लड़के इस बात का फायदा भी उठाते हैं कि लड़की के करीब पहुँचने की कोशिश करेंगे. लड़के अपनी उसी लालच की वजह से लड़कियों की बात बिना इच्छा के भी सुनते हैं. वो लड़कियों को ये दिखाना चाहते हैं कि वो बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहे हैं. इतना ही नहीं वो लड़कियों को इतने कॉन्फिडेंस में ले लेते हैं की कई बार अपने ब्रेकअप की बात करते हुए लड़कियां उसी लड़के को अपना दिल दे बैठती हैं. ऐसे में लड़कों को फ़ायदा हो जाता है.
इट्स माय चॉइस की तर्ज पर लड़कियों को हक है कि वो किसी से भी अपने दिल की बात करें. अब वो लड़का हो या लड़की इससे क्या फर्क पड़ता है.