मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की चीज़ें – थियेटर जाकर फिल्म देखने का मज़ा ही कुछ और होता है और इस बहाने बाहर लंच या डिनर करने का मौका भी मिल जाता है।
लेकिन लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करती है मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की चीज़ें जो कि काफी मेहेंगी होती है । आजकल मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की चीज़ें बाहर से ले जाने की अनुमति नहीं होती है। आपको जो कुछ भी खाना है थियेटर के अंदर ही ऑर्डर करना पड़ेगा लेकिन यहां पर फूड आइटम्स के दाम बहुत ही ज्यादा होते हैं।
क्या कभी आपने सोचा है कि मल्टीप्लेक्स में मिलने वाली चीज़ों की कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है।
दरअसल, विदेशों में थियेटर में बिक्री से जो कमाई होती है उसमें से करीब 90 प्रतिशत प्रॉडक्शन कंपनी को चला जाता है और थियेटर के पास कमाई का बहुत कम शेयर बचता है।
इस घाटे से बचने के लिए थियेटर्स में खाने-पीने की चीज़ों के दाम बढ़ा दिए जाते हैं।
भारत की बात करें तो यहां पर थियेटर्स के साथ ऐसा कुछ नहीं होता है लेकिन भारत के मल्टीप्लेक्स में मिलने वाले फूड आइटम्स की स्टॉल्स का कॉन्ट्रैक्ट किसी तीसरी पार्टी को दिया जाता है और वो कम्पमियां ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में इन चीज़ों की कीमत बहुत ज्यादा रखती हैं।
थियेटर में फिल्म देखने आने वाले लोगों को मजबूरी में इन महंगी चीज़ों को खरीदना पड़ता है।
भारत की ज्यादातर आबादी इतनी अमीर नहीं है कि यहां रहने वाला हर इंसान मल्टीप्लेक्स की महंगी चीज़ों को अफोर्ड कर सके लेकिन फिर भी मजबूरी में लोगों को यहां से चीज़ें खरीदनी पड़ती हैं क्योंकि उनके पास और कोई चारा नहीं होता है।
देखा जाए तो मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की चीज़ें ऊँची कीमत पर बेचना और बाहर से खाने-पीने की चीज़ों को अंदर न ले जाने देना, दोनों ही गलत हैं।