उसके चेहरे पर कई इतिहास लिखे थे
जिन की भाषा मेरी जानी नहीं थी.
इतनी बात मैं ने पहचानी थी मगर फिर भी
मैं उन्हें अपने इतिहास की नाप से नाप रहा था.
आह! पन्नों की नाप से कहीं पढ़ लिये जा सकते तो
नये या मनमाने भी गढ़ लिये जा सकते
इतिहास…
देखा उसे जिस ही क्षण मैं ने पास-
उसी क्षण जाना कि कितना व्यर्थ है मेरा प्रयास
-अज्ञेय
कहीं इसी तरह की उलझन में तो नहीं रहते है आप कि देश एक है और चेहरे अलग-अलग क्यों हैं. ख़ासकर नार्थ इंडियन साउथ इंडियन चेहरे में जमीन आसमान का फर्क हैं.
जानते हैं क्या है वजह-
1.आर्य और द्रविड़ सिद्धांत –
माना जाता है कि प्राचीन भारत में द्रविड़ लोग उत्तर भारत में रहते थे, जो कि भारत के मूल निवासी थे, जो पहले उत्तर भारत में रहते थे. आर्यों के आक्रमण के बाद ये लोग दक्षिण की तरफ़ चले गए. द्रविड़ लोगों का मेन स्किन टोन डार्क होता है. जबकि आर्य लोगो को जर्मनी ईरानी और साउदी अरब के मूल रहवासी या वशंज कहा गया हैं जिसकी वजह से इनका स्किन टोन फ़ेयर होता हैं.
2. भारत की भौगोलिक संरचना
दूसरी बड़ी वजह भारत की भौगोलिक संरचना को माना जा सकता हैं कर्क रेखा भारत को दो भागों में विभाजित करती हैं. दक्षिण भारतीय प्रदेश भूमध्यरेखा के पास है इस वजह से यहां के रहवासियों को सूर्य की किरणों का सामना ज्यादा करना पड़ता हैं. जिसकी वजह से दक्षिण भारतीय लोगो की त्वचा सांवली होती हैं.जबकि उत्तर भारत में ठंड दक्षिण भारत की तुलना में ज्यादा होती हैं.जिसकी वजह से इनका रंग गोरा होता हैं.
तो देखा आपने कैसे इन दो बड़ी वजहों से दक्षिण भारतीय लोग और उत्तर भारतीय लोग एक दूसरे से अलग दिखते हैं. इसके अलावा भाषा और संस्कृती भी इन उत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को अलग-अलग पहचान देती हैं.