स्वर्गीय राजीव दीक्षित को आज आधे से ज्यादा भारत जानता है.
स्वर्गीय राजीव दीक्षित ने भारत में घूमकर-घूमकर विदेशी कम्पनियों की जहाँ पोल खोली थी, वहीं दूसरी तरफ देश के अंदर राष्ट्रवाद की भावना का उदय भी इन्होनें बड़े स्तर पर किया था.
आज बेशक राजीव जी हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन इनके किये गये काम और उनकी सोच हम भारतीय को आगे भी रास्ता दिखा रही रही है. राजीव दीक्षित जी का एक ऐसा ही वीडियो है जिसमें वह यह बताते हैं कि साल 1998 में इन्होंने कई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर गौ-हत्या पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी और इस केस को राजीव दीक्षित जी के पक्ष में भी बताया गया था.
इसलिए गाय नहीं काटी जानी चाहिए भारत देश में –
राजीव दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ आंकड़े भी रखे थे जो राजीव दीक्षित जी की वेबसाइट से जस के तस यहाँ बताये जा रहे हैं–
कोर्ट में राजीव दीक्षित जी ने बताया था कि एक गाय को जब काट देते हैं तो उसके शरीर में से कितना मांस निकलता है? कितना खून निकलता है?? कितनी हड्डियाँ निकलती हैं ?
एक स्वस्थ्य गाय का वजन कमसे कम 3 से साढ़े तीन कवींटल होता है उसे जब काटे तो उसमे से मात्र 70 किलो मांस निकलता है. एक किलो गाय का मांस जब भारत से एक्सपोर्ट होता है तो उसकी कीमत है लगभग 50 रुपए.
तो इस प्रकार से 70 x 50 = 3500 रुपए बनता है.
खून जो निकलता है वो लगभग 25 लीटर होता है. जिससे कुल कमाई 1500 से 2000 रुपए होती है. हड्डियाँ निकलती है वो भी 30-35 किलो हैं. जो 1000 -1200 के लगभग बिक जाती है. एक गाय का जब कत्ल करें और मांस, हड्डियाँ खून समेत बेचें तो सरकार को या कत्ल करने वाले कसाई को 7000 रुपए से ज्यादा नहीं मिलता है.
अब इसके बाद राजीव दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि यदि गाय को कत्ल न करें तो क्या मिलता है ? हमने कत्ल किया तो 7000 मिलेगा और अगर इसको जिंदा रखे तो कितना मिलेगा ?
गाय एक दिन मे 10 किलो गोबर देती है और ढाई से 3 लीटर मूत्र देती है. गाय के एक किलो गोबर से 33 किलो खाद बनती है. 1 किलो खाद का जो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भाव है वो 6 रुपए है. तो रोज 10 किलो गोबर से 330 किलो खाद बनेगी. जिसे 6 रुपए किलो के हिसाब से बेचें तो 1800 से 2000 रुपए रोज का गाय के गोबर से मिलता है.
अब साल की आमदनी की बात की जाए तो- 1800 x 365 = 657000 रुपए बनता है. अमेरिका में गौ मूत्र पेटेंट हैं और अमरीकी सरकार हर साल भारत से गाय का मूत्र खरीदती है. अमेरिकन बाजार के हिसाब से हिसाब करें तो 1200 से 1300 रुपए लीटर बैठता है. एक लीटर मूत्र, तो गाय के मूत्र से लगभग रोज की 3000 की आमदनी और एक साल का 3000 x 365 1095000 और 20 साल का 300 x 365 x 20 = 21900000 तो इतना तो गाय के गोबर और मूत्र से हो गया एक साल का.
कोर्ट का फैसला जो रहा है ऐतिहासिक
कोर्ट ने जब गाय को लेकर कई अन्य प्रयोग देखे तो वह समझ गया था कि गाय को मारने से अधिक उनको बचाना जरुरी है.
आगे राजीव दीक्षित बताते हैं कि मुस्लिम राजा बाबर ने गाय को बचाने के कानून बनाया था. ऐसे ही हैदर अली ने भी कानून बनाया था. भारत में अधिकतर मुस्लिम राजाओं ने गाय को बचाने के लिए कानून बनाये थे. इसका सीधा सा अर्थ है कि गाय को काटना कहीं भी किसी धर्म में नहीं लिखा गया है. यहाँ तक कि कई मुस्लिम धार्मिक ग्रंथों में भी गाय की रक्षा का फरमान सुनाया है.
साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि गाय का कत्ल नहीं होना चाहिए और साथ ही साथ कोर्ट ने देश के सभी राज्यों की सरकार को आदेश दिया था कि राज्य सरकार को गाय हत्या रोकने के लिए प्रयास करना होगा. राजीव दीक्षित इस वीडियो में कोर्ट के फैसले का सबूत भी जनता के सामने रखते हुए बोलते हैं कि किसी भी कीमत पर देश में गाय हत्या को रोकना होगा.
इसलिए गाय नहीं काटी जानी चाहिए भारत देश में – अब यह फर्ज आपका बनता है कि इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके लोगों को कोर्ट के इस फैसले से जागरूक किया जाए.
( इसलिए गाय नहीं काटी जानी चाहिए भारत देश में – यह लेख राजीव दीक्षित जी के लेखों और वीडियो को आधार बनाकर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए आपको राजीव दीक्षित की पुस्तकों का अध्ययन करना होगा.)
वीडियो- इसलिए गाय नहीं काटी जानी चाहिए भारत देश में –
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