ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
अर्थ –
हे प्रभु! आप हमारे जीवन के दाता है. आप हमारे दुख़ और दर्द का निवारण करने वाले है. आप हमें सुख़ और शांति प्रदान करने वाले है. संसार के विधाता हमें शक्ति दो कि हम आपकी उज्जवल शक्ति प्राप्त कर सकें. कृपा करके हमारी बुद्धि को सही रास्ता दिखायें
साभार- ईगलस्पेस.कॉम
जब कोई बच्चा बोलने कोशिश शुरु करता है तो सबसे पहले अपने घरवालों का नाम लेना शुरु करता है. कुछ दिनों बाद जब वो थोड़ा थोड़ा बोलना शुरु करता है तब उसे भगवान का नाम लेना सिखाया जाता है. कुछ दिनों बाद वो जब बड़ा होता है तब गायत्री मंत्र का उच्चारण करना भी सिखाया जाता है. इस मंत्र का उच्चारण बड़े से लेकर बूढ़े तक करते है.
आईए देखते है क्यों महत्वपूर्ण है गायत्री मंत्र युवाओं के लिए
- इस मंत्र के जाप से बुद्धी बढ़ती है. विद्यार्थियों के लिए ये खास तौर पर महत्वपूर्ण है.
- कई बार बच्चों में ये समस्या होती है कि वो चाहते हुए भी किसी विषय के लिए अपना मन एकाग्र नहीं कर पाते है. ऐसे में एकाग्रता बढ़ने के लिए गायत्री मंत्र का जाप महत्वपूर्ण है.
- जिन लोगो का गुस्सा नियंत्रण में नहीं रहता है उनके लिए भी गायत्री मंत्र का उच्चारण फायदेमंद होता है. ये मन को शांत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- नकारात्मक विचारों के वजह से कई काम होते होते अधूरे रह जाते है. ऐसे में गायत्री मंत्र नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है.
गायत्री मंत्र के उच्चारण का सही समय-
- सुबह सुर्योदय से पहले इसकी शुरुआत करनी चाहिए और सुर्यास्त के कुछ वक्त बाद तक इसका जाप करना चाहिए.
- जो जल्दी सुबह उठकर इसका जप नहीं कर सकते है. वो दोपहर के वक्त भी इसका उच्चारण कर सकते है.
- शाम को सुर्यास्त से पहले इसका जप शुरु करना चाहिए और सुर्यास्त के कुछ वक्त बाद तक इसका जप जारी रखना चाहिए.
गायत्री मंत्र के उच्चारण से जिंदगी में आने वाली बाधाए दूर होती है साथ ही संवाद कौशल भी विकसित होता है.
गायत्री मंत्र के एक नहीं कई फायदे है.