नेहरू से क्यों मिलता है अमिताभ का चेहरा – एक वक्त ऐसा था जब नेहरू और बच्चन परिवार एक-दूसरे के इतने करीब हुआ करते थे कि इन्हें देखकर हर किसी को बस यही लगता था कि ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं.
चाहे वो इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन की गहरी दोस्ती हो या फिर राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सालों तक नेहरू और बच्चन परिवार में गहरी दोस्ती रही है.
लेकिन यहां सवाल यह है कि नेहरू से क्यों मिलता है अमिताभ का चेहरा ? आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का चेहरा आखिर इतना क्यों मिलता है जैसे कि एक बेटे का अपने पिता से मिलता है.
नेहरू से क्यों मिलता है अमिताभ का चेहरा –
हम ऐसी किसी भी बात का दावा नहीं करते हैं लेकिन ‘हेडलाइंस टुमारो’ के शोधकर्ताओं और उनके डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ बच्चन जवाहरलाल नेहरू के बेटे हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक तेजी बच्चन और जवाहरलाल नेहरू के बीच लबें समय तक प्रेम प्रसंग चला. कहा जाता है अमिताभ बच्चन दोनों के प्यार की निशानी हैं.
बताया जाता है कि जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन के बीच गहरी दोस्ती हुआ करती थी. इसलिए अक्सर तेजी बच्चन अपनी सहेली से मिलने के लिए नेहरु के घर जाया करती थीं.
इंदिरा और तेजी दोनों अक्सर नेहरू के साथ खेलती थीं और इसी खेल-खेल में ना जाने कब तेजी बच्चन और जवाहरलाल नेहरू एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए.
तेजी बच्चन बेहद ही आकर्षक महिला थीं और उनके आकर्षण से नेहरू खुद को बचा नहीं सके. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के प्रेम प्रसंग के चलते अमिताभ का जन्म हुआ.
लेकिन अपने राजनीतिक रसूक के चलते नेहरू अमिताभ को अपना नाम नहीं दे सकते थे लिहाजा उन्होंने अपने शिष्य हरिवंशराय बच्चन से तेजी बच्चन की शादी करवा दी.
साल 1941 में हरिवंशराय बच्चन की पहली पत्नी का देहांत हो चुका था. इसलिए उन्होंने तेजी बच्चन से शादी कर ली और अमिताभ को अपना नाम दिया.
शादी के बाद नेहरू ने हरिवंशराय बच्चन को किसी शोध के सिलसिले में 10 साल के लिए विदेश भेज दिया था उस दौरान तेजी बच्चन नेहरू के साथ प्रधानमंत्री आवास में ही रहा करती थीं.
नेहरू से क्यों मिलता है अमिताभ का चेहरा – गौरतलब है कि ‘हेडलाइंस टुमारो’ के शोधकर्ताओं और डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक नेहरू ही अमिताभ के असली पिता हैं.
लेकिन हम इस लेख के जरिए ऐसा कोई दावा नहीं कर रहे हैं हमने सिर्फ तथ्यों को आपने सामने पेश करने की कोशिश की है. अब ये आप ही तय कीजिए ये सच है या फिर महज एक फसाना.