राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इन दिनों इजराइल की यात्रा पर हैं.
आपको बता दें कि अजीत डोभाल के किसी देश में जाने के पीछे एक मकसद होता है.
इजराइल की यात्रा पर गए डोभाल यहां जिस प्रकार इजराइल के शीर्ष नेतृत्व के अलावा वहां के प्रमुख अधिकारियों से मिल रहें हैं, उसके पीछे भी एक खास मकसद है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस साल के मध्य में इजरायल की यात्रा पर जाने की संभावना है. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजरायल यात्रा होगी.
जबकि अब तक सिर्फ एक इस्राइली प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया है. 2003 में तत्कालीन इजरायल प्रधानमंत्री एरियल शेरोन भारत गए थे.
लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद भारत और इजराइल के संबंधों में न केवल तेजी आई है बल्कि खुलापन भी आया है, खासकर भारत की ओर से.
अक्तूबर 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इजरायल का दौरा किया था. जबकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पिछले साल वहां गई थीं.
पिछले साल ही नवंबर में इजराइली राष्ट्रपति रुवन रिवलिन भी भारत के दौरे पर आए थे. यह करीब 20 वर्षों के अंतराल के बाद किसी इजरायल राष्ट्राध्यक्ष का दौरा था.
अब जब मोदी इजराइल के दौरे पर जाने वाले हैं तो इस पर पाकिस्तान के अलावा पूरे अरब जगत की निगाहें होगीं.
यही वजह है कि मोदी की इस ऐतिहासिक यात्रा की तैयारियों के सिलसिले में ही डोभाल पहले ही इजराइल जाकर सब कुछ व्यवस्थित करने में लगे हैं.
क्योंकि मोदी चाहते हैं कि जब वे इजराइल के दौरे पर जाएं तो उनकी यह ऐसी यादगार यात्रा हो, जो आने वाले समय में भारत और इजराइल के संबंधों को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाए.
भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजराइली यात्रा में कुछ ऐसी खुली और गोपनीय संधियों को जमीन पर उतारा जाए जिससे दुनिया को न केवल इसका संदेश जाए बल्कि रक्षा क्षेत्र में आधुनिक इजराइली तकनीक का लाभ भी भारत को मिले.
यही वजह है कि डोभाल की इस यात्रा ने अभी से पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि पाकिस्तान में रहकर जासूसी कर चुके अजीत डोभाल की हर गतिविधि पर पाकिस्तान की पैनी नजर रहती है.
अपने दुश्मनों को लेकर डोभाल और इजराइली खुफियां एजेंसी मोसाद के विचार काफी मिलते हैं. आपको बता दें कि पाकिस्तान को डर है कि अजीत डोभाल इजराइल के साथ मिलकर पाकिस्तान को तोड़ने के मिशन पर काम कर रहे हैं.
बहराल, इजरायल पहुंचे डोभाल ने वहां इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से उनके कार्यालय में मुलाकात की. उसके बाद वे इजरायल में अपने समकक्ष कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तथा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जनरल जैकब नगेल से भी मुलाकात की.
आपको बता दें कि नेतान्यहू के भी इस साल भारत की यात्रा पर जाने की संभावना है. दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. नई दिल्ली ने इस्राइल को औपचारिक रुप से 17 सितंबर 1950 को मान्यता दी थी.
लेकिन भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध जनवरी, 1992 में स्थापित हुए. उसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में सतत प्रगति हुई है.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…