पूरी टीम मैन ऑफ द मैच – भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है बल्कि इसकी पूजा होती है और बीते दिनों सच्चिन तेंदुलकर को इसका भगवान भी घोषित कर दिया गया।
सच्चिन की बराबरी करने में विराट कोहली कुछ ही कदम पीछे हैं। जिस तरह से विराट कोहली दिन पर दिन अपने खेल को निखार रह हैं उसे देखकर लगता है कि वे सारे रिकॉर्डों को तोड़कर खुद का अपना एक रिकॉर्ड बनाने वाले हैं।
अब तो महिला क्रिकेटरों को भी तवज्जो दी जाने लगी है। हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेट हरमनप्रीत कौर के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज हुआ। पहली बार किसी महिला भारतीय क्रिकेटर ने टी20 में शतक जड़ा। 8 गगनचुंबी छक्कों और 7 चौकों की मदद से हरमनप्रीत शतक तक पहुंची। 29 साल की इस क्रिकेटर ने मात्र 49 बॉल में न्यूज़ीलैंड शतक ठोक दिया था। उनकी पारी 103 रन पर जा कर रुकी। लेकिन यहां हम इन खिलाड़ियों की नहीं बल्कि मैन ऑफ द मैच के खिताब के बारे में बात करेंगे।
मैन ऑफ द मैच का खिताब
बीते रविवार को भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज पूरी हुई। इस मैच में टीम इंडिया ने छह विकेट से जीत हासिल की इसके साथ ही तीन मैचों की सीरीज को 3—0 से अपने नाम कर लिया। इस सीरीज में भारतीय टीम ने क्लीन स्वीप भी किया है। इसमें शिखर धवन मैन ऑफ द मैच रहे और कयास लगाए जा रहे हैं कि शिखर फिर से अपने फॉर्म में आ गए हैं।
मैन ऑफ दे मैच का खिताब खिलाड़ी की परफॉर्मेंस के बारे में बहुत कुछ बताता है इसलिए किसी भी मैच में हर खिलाड़ी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब जीतना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ है कि मैन ऑफ द मैच का खिताब किसी एक खिलाड़ी को ना मिलकर पूरी टीम को मिलता है। ऐसा तब होता है जब पूरी टीम अद्वीतिय खेल खेलती है और टीम भावना को सही मायनों में मैदान में प्रस्तुत करती है। ऐसे 3 मौके आए जब किसी एक खिलाड़ी को नहीं बल्कि पूरी टीम को मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।
कौन जीतता है मैन ऑफ द मैच का खिताब
ICC ने अब तक यह परिभाषित नहीं किया है कि मैन ऑफ़ द मैच किसे देना चाहिए। जिसके कारण ये कई बार हारी हुई टीम के खिलाड़ियों को भी मिलता है तो कई बार पूरी टीम को ही मिल जाता है। लेकिन अधिकांशत: इसके हकदार विजेता खेमे के खिलाड़ी ही होते हैं। इसके लिए कोई तयशुदा नियम नहीं है इसलिए इतिहास में तीन मौके ऐसे भी दर्ज हैं, जब पूरी टीम मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला था।
पूरी टीम मैन ऑफ द मैच – न्यूज़ीलैंड Vs वेस्ट इंडीज़, 3 अप्रैल, 1996
यह एक रोमांचक गेम था। इस गेम में न्यूज़ीलैंड की पूरी टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 35.5 ओवर में 158 रन ही बनाए थे। इतने थोड़े रन बनाना वेस्ट इंडीज की टीम के लिए मामूली सी बात थी। लेकिन न्यूज़ीलैंड की पूरी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया और वेस्टइंडीज़ की टीम को 49.1 ओवर में 154 रनों पर चलता कर दिया और मैच को चार रनों से जीत लिया। इस पूरे गेम को जीतने में न्यूज़ीलैंड के हर खिलाड़ी ने काफी मेहनत की और इतने बैलेंस तरीके से हर खिलाड़ी ने प्रदर्शन किया की आखिर में तय किया गया कि पूरी टीम को ही मैन ऑफ़ द मैच मिलना चाहिए।
पूरी टीम मैन ऑफ द मैच – पाकिस्तान Vs इंग्लैंड और स्कॉटलैंड, 1 सितंबर, 1996
पाकिस्तान कभी-कभी ही खेल में अच्छा प्रदर्सन कर पाता है। और जब बात पूरी टीम के साथ में खेलने की होती है तो ऐसे कम मौके ही होते हैं। इस टीम के आपसी टकराव जगज़ाहिर हैं। बावजूद इसके यह टीम, न्यूज़ीलैंड के बाद दूसरी टीम बनी जिसे मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 246 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। इस लक्ष्य को इस एशियाइ टीम ने दो गेंद शेष रहते आठ विकेट गवां कर हासिल कर लिया। सामान्य समझ के हिसाब से मैन ऑफ़ द मैच नाबाद 125 रन बनाने वाले इंग्लैंड के बल्लेबाज़ Nick Knight को मिलना चाहिए था लेकिन पाकिस्तानी टीम के सामूहिक प्रदर्शन की वजह से उनकी टीम को मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड दिया गया।
पूरी टीम मैन ऑफ द मैच – वेस्ट इंडीज़ Vs साउथ अफ्रीका, 15-18 जनवरी, 1999
क्रिकेट इतिहास में साउथ अफ्रीका ऐसी तीसरी टीम है जिसने मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता। इस गेम के दौरान साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पहली इनिंग में 313 रन बनाए। जब Caribbean टीम बैटिंग के लिए उतरी तब उसने अपनी पहली इनिंग में 144 रन ही बनाए। साउथ अफ्रीका के पास एक बड़ी लीड थी, दूसरी इनिंग में उन्होंने 399 रन और जोड़ दिए। इस गेम में वेस्टइंडीज़ को 569 रन बनाने थे लेकिन वह मात्र 217 रन बनाने में सफ़ल रही।
इस मैच में साउथ अफ्रीका के तीन खिलाड़ियों ने शतक जड़े, बॉलरों का प्रदर्शन भी अच्छा था इसलिए अंत में तय किया गया कि पूरी टीम को मैन ऑफ़ दी मैच दे दिया जाए।
पूरी टीम मैन ऑफ द मैच – इस तरह से इन तीन देशों की टीम ने क्रिकेट के इतिहास में अपने लिए अलग रिकॉर्ड बना लिए।