देशभर में फैली MeToo कैंपेन की बाढ़ में अब हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं।
धीरे-धीरे इस कैंपेन के माध्यम से बड़े-बड़े नामों की काली करतूतों का खुलासा हो रहा है। हालाकिं यह कहना बेहद मुश्किल है कि इस बहती गंगा में हाथ धोने वाले सभी लोग कितने सच्चे और कितने झूठे हैं। भारत में आग की तरह फैल रहे इस #Me Too कैंपेन की चिंगारी तनुश्री द्त्ता के मामले से शुरू हुई थी। तनुश्री दत्ता की और से बॉलिवुड एक्टर नाना पाटेकर पर सैक्सुअल हैरासमेंट का आरोप लगाये जाने के बाद अब इस तरह के अन्य कई मामलों की सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई है।
अब लगातार सभी क्षेत्रों जैसे फिल्म, छोटे पर्दे, राजनिती, साहित्य, मनोरंजन , कला और मीडिया सभी जगहों के सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस सोशल मीडिया पर तैरते नजर आ रहे है, जिसमें कई बड़ी नामचीन हस्तियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। सेक्सुंअसल हैरेसमेंट कीइस लिस्ट में आये कई नामों को तो अपनी नौकरियां तक गंवानी पड़ गई है।
आखिर किसने की थी MeToo कैंपेन की शुरूआत और कब
इस आंदोलन की शुरूआत यौन शोषण का शिकार हुई महिलाओं की मदद करने के लिए की गई और जिस महिला ने इस आंदोलन की शुरूआत की थी, वह महिला खुद करीब एक समय तक यौन शोषण का शिकार हो चुकी थी। बता दे कि साल 2006 में अमेरिका सिविल राइट ऐक्टिविस्ट टराना बर्क इस आंदोलन की असल जन्मदाता है। वह खुद इस सेक्सुअल हैरेसमेंट की सर्वाइवर रह चुकी है। अपने एक इंटरव्यू के दौरान खुद टराना बर्क ने अपनी आप बिती साझा करते हुए यह बताया था कि वह बचपन से लेकर अब तक तीन बार सेक्सुअल असॉल्ट का शिकार हो चुकी है। टराना बर्क द्वारा शुरू किये गए इस मायस्पेस सोशल नेटवर्क के शब्दों ने एक आदोंलन का रूप धारण कर लिया। टाराना बर्क के इस आंदोलन का एकमात्र उद्देश्य इस तरह के यौन उत्पीड़न झेल रही महिलाओं को यह एहसास दिलाना था कि वह अकेली नहीं हैं।
भारत में MeToo कैंपेन में हुए अब तक इतने खुलासे
तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर लगाये गए सेक्सुअल असॉल्ट के आरोपों के साथ #Me Too में आई बाढ़ में अब तक काफी नामों के खुलासे हो चुके है। बतां दे कि इस लिस्ट में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारें में इस तरह की घटनाओं का सामने आना विश्वास शब्द की नींव तक को हिला देता है। जैसे संस्कारी बाबू आलोकनाथ, गणेश आचार्य, विकास बहल, लेखक चेतन भगत, सिंगर कैलाश खेर, एक्टर रजत कपूर, उत्सव चक्रवर्ती, तन्मय भट्ट, गुरसिमरन खम्बा, सुहैल सेठ, कॉमेडियन वरूण ग्रोवर, के अलावा केन्द्र सरकार के केन्द्रिय मंत्री एम जे अख्तर का नाम भी शुमार है।
एम जे अकबर पर लगे सभी आरोप उनके पत्रकारिता इतिहास से जुड़े है, जिसमें कुछ महिलाओं ने उन पर सेक्सुअल हेरेस्मेंट के आरोप लगाए है
इस MeToo कैंपेन की लिस्ट में फिल्म, कॉमेड़ी, मीडिया, साहित्य, और बॉलिवुड इंडस्ट्री को बुरी तरह से हिला कर रख दिया है। अभी तो ये इस #MeToo कैंपेन का आगाज है इसका अंजाम क्या होगा और कितने दोमुखी दरिंदों के राज खोलेगा ये आने वाला वक्त ही बतायेगा।