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कृष्ण ने नहीं तो फिर किसने बचाई थी द्रौपदी की लाज !

द्रौपदी का चीरहरण

शिव के अवतार थे दुर्वासा ऋषि

पौराणिक कथा के मुताबिक महर्षि दुर्वासा को एक ऐसी शख्सियत के रुप में जाना जाता है जिनके क्रोध से कोई नहीं बच पाया.

कहते हैं कि दुर्वासा ऋषि का जन्म शिव के रौद्र रुप के अवतार में हुआ था इसलिए उनके गुस्से को शांत कर पाना बहुत मुश्किल था.

महर्षि दुर्वासा द्वारा दिए गए श्राप के कई किस्से इतिहास में मौजूद हैं लेकिन उनके द्वारा कई बार वरदान भी दिए गए हैं.

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बहरहाल इस पूरी घटना से जाहिर होता है कि, श्रीकृष्ण नहीं बल्कि दुर्वासा ऋषि ही वो इंसान थे जिनके वरदान ने द्रौपदी की लाज बचाई थी. और इस हकीकत से अभी तक ज्यादातर लोग अंजान थे.

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