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कृष्ण ने नहीं तो फिर किसने बचाई थी द्रौपदी की लाज !

द्रौपदी का चीरहरण

दुर्वासा ऋषि ने दिया था वरदान

पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्वासा ऋषि के वरदान की वजह से ही द्रौपदी का चीरहरण होने से बचा था.

मान्यता है कि एक बार ऋषि दुर्वासा नदी में स्नान कर रहे थे,  तभी नदी में आए तेज बहाव और अनियंत्रित लहरों की वजह से दुर्वासा के कपड़े बह गए.

कपड़ों के बह जाने से ऋषि दुर्वासा काफी परेशान हो गए, तब उसी नदी के तट पर बैठी द्रौपदी ने अपने वस्त्र को फाड़कर उसका कुछ टुकड़ा दुर्वासा ऋषि को दे दिया.

द्रौपदी के इस व्यवहार से दुर्वासा ऋषि बेहद खुश हुए और उन्हें यह वरदान दिया कि जब भी संकट के समय उन्हें वस्त्रों की आवश्यकता होगी तब उनके वस्त्र अनंत हो जाएंगे यानि जिसका कोई अंत नहीं होगा.

Draupadi-Vastraharan

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