इंटरनेट का असली मालिक – इंटरनेट दुनिया के सबसे क्रांतिकारी अविष्कारों में से एक रहा है।
इंटरनेट ने हमारी जिंदगी को बदल कर रख दिया है। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में इंटरनेट की वजह से जो इवॉल्यूशन आया है वो काबिले-तारीफ़ है। हालाँकि हम सभी जानते है कि हर जो चीज़ जिसे पैसा देकर ख़रीदा जाता है, उसका कोई ना कोई मालिक जरुर होता है। ऐसे ही आपने भी कभी सोचा होगा कि पूरी दुनिया में इंटरनेट का मालिकाना हक़ किसके पास है?
जैसे हमारे कंप्यूटर और मोबाइल पर इंटरनेट उपलब्ध कराने वाला दूकानदार या सर्विस प्रोवाइडर होता है। जिसे आप मंथली या फिर किसी समय अवधि का प्लान पैसा देकर खरीदते है।
लेकिन ये सर्विस प्रोवाइडर इसका असल मालिक नहीं है। तो मन में सवाल उठता है कि इंटरनेट का असली मालिक आखिर कौन है?
इंटरनेट का असली मालिक –
असल मालिक कोई नहीं है –
इंटरनेट किसी तरह की गवर्नमेंट द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। बल्कि यह एक विशाल और स्वतंत्र कोऑपरेशन है जिसमें मिल कर काम किया जाता है। यानि इसका सीधा सा मतलब यही है कि इंटरनेट पर किसी व्यक्ति, संस्था या सरकारी एजेंसी का मालिकाना हक़ नहीं है, और ना ही इसे कोई नियंत्रित करता है। लेकिन कुछ एजेंसी सलाह देकर, मानक निर्धारित कर और अन्य मुद्दों पर जानकारी देकर इसको काम करने में मदद जरुर करती है।
ऐसे करता है इंटरनेट काम-
पूरी दुनिया में लगभग 900 मिलियन लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते है। और इतने सारे लोगों को जगह से दूसरी जगह इंटरनेट प्रदान करने के लिए पोस्टल सिस्टम की तरह ही इंटरनेट एर्ड़ेसिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। इसी की मदद से हम तक इंटरनेट पहुँचता है।
आप तक इंटरनेट पहुँचाने के लिए करते है ये लोग काम-
लोगों तक इंटरनेट की सर्विस पहुँचाने के लिए सर्विस प्रोवाइडर को भी तीन स्तरों पर काम करना पड़ता है, जिन्हें 3 टीयर कहा जाता है। इन 3 टीयर में पहले स्तर पर वे कम्पनियाँ आती है जो समुद्र के नीचे केबल डालकर सर्विस प्रोवाइडर्स को ग्लोबली जोड़ती है। दूसरे स्तर पर वो लोग आते है जो सर्विस प्रोवाइडर्स को नेशनली जोड़ते है। और तीसरे स्तर पर वो स्थानीय प्रोवाइडर्स आते है जो बड़े प्रोवाइडर्स से जुड़ कर आम लोगों तक इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाते है।
कुल मिलाकर पूरी दुनिया में इंटरनेट पर किसी भी सरकार, संस्था या व्यक्ति का मालिकाना हक़ नहीं है। इंटरनेट का असली मालिक कोई नहीं है.