गुप्त साम्राज्य – सभी जानते हैं कि भारत के इतिहास में इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। भारत के पास अकूट धन और संपत्ति हुआ करती थी जिसे अंग्रेज़ और मुगल लूटकर ले गए और हमारे देश को सोने की चिडिया से कंगाल कर गए।
इस कंगाली की बदहाली भारत आज भी झेल रहा है। आजादी के इतने सालों बाद भी भारत विकासशील से विकसित देश नहीं बन पाया है।
सभी जानते हैं कि इस्लामिक बादशाहों ने भारत को इतनी बार लूटा और इस पर आक्रमण किया कि इस देश की अकूट संपत्ति बर्बाद हो गई और फिर अंग्रजों के शासन से इसकी जड़ों को और जर्जर बना दिया है। ये सब तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भारत को सोने की चिडिया किसने बनाया था ?
चलिए आज हम आपको यही बताते हैं कि हमारे प्यारे भारत देश को किस वंश ने सोने की चिडिया बनाया था।
इस वंश ने बनाया था सोने की चिडिया
भारतीय इतिहास में गुप्त वंश के शासन को स्वर्ण काल कहा जाता है। इस वंश का प्राररंभ 240 ईस्वी में पहले शासक श्रीगुप्त से हुआ था। इस वंश का अंतिम शासक बुद्धगुप्त थे जिन्होंने 495 ईस्वी तक राज किया था।
इस राजा के उत्तराधिकारी सातवीं सदी तक शासन करते लेकिन वो सीमित और शक्तिहीन थे। इस वंश के चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त विक्रमादित्य और स्कंदगुप्त जैसे प्रतापी सम्राट हुए। इस वंश से समुद्र गुप्त एक महान वीर योद्धा साबित हुए थे। उन्होंने अपनी तलवार से सारे गुप्त साम्राज्य का विस्तार किया और इसका परिचय हमे प्रयाग प्रशस्ति के शिलालेख में भी मिलता है।
इसके बाद चंद्रगुप्त विक्रमादित्य एक महान सम्राट था जिसके काल में भारत में विद्या, शिक्षा और संस्कृति, विज्ञान, कला एवं निर्माण कला का विकास हुआ। उस सयम धन-धान्य से भरपूर भारत देश सोने की चिडिया कहा जाने लगा।
उस दौर में एक चीनी यात्री फाह्यान ने भारत की तारीफ करते हुए कहा था कि इसकी राजधानी पाटलिपुत्र दुनिया का सबसे श्रेष्ठतम नगर है।
कैसे हुआ देश कंगाल
पाचंवी सदी के दौरान मध्य एशिया से हूणों ने भारत पर आक्रमण कर दिया और उनका गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त ने डटकर सामना किया। स्कंदगुप्त ने उन्हें हराकर वापिस भेज दिया लेकिन उनके बाद निर्बल उत्तराधिकारियों के समय मे हूण नेता तोरमाण ने अधिकांश गुपत साम्राज्य पर कब्जा कर लिया।
हूणों के दूसरे शासक मिहिर कुल के बाद हूण भी कमजोर हो गए थे और देश में एक बार फिर से अरजाकता फैल गई थी। तब पुन: देश में केंद्रीय सत्ता का निर्माण मौखरी वंश ने किया था।
स्कंदगुप्त की मृत्यु के बाद गुप्त साम्राज्य का अंत हो चुका था और इसके बाद कुछ सालों तक भारत पर पुरुगुप्त, बुधगुप्त, नरसिंहगुप्त, कुमारगुप्त तृतीय, विष्णुगुप्त ने राज किया था। 480 ईस्वी में श्वेत हूणों ने गुप्त साम्राज्य की कमर तोड़ दी थी और 550 ईस्वी में पूरी तरह से इस साम्राज्य का अंत हो गया।
गुप्त साम्राज्य के अंत के साथ ही शायद भारत की संपन्नता का भी अंत हो गया था और बस यहीं से शुरुआत हुई भारत के कंगाल होने की और आज जो भारत आप देख रहे हैं उसका भयानक इतिहास यही है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…