5. जीवन में व्यस्त हो जाती है
लड़कियां शादी से पहले जितनी गहरी दोस्ती निभाती है, उतनी ही दुरी वो शादी के बाद अपने दोस्तों से रखती है. शादी से पहले महिला खूब रिश्ते निभाने की बात करती है. बड़े बड़े वायदे करती है. यह वायदे और बाते अपनी सहेली से ही करती है.
जबकि हकीकत कुछ और है.
एक बार शादी हो जाए, तब वो केवल अपने परिवार से ही रिश्ता रखती है. भले वो कितनी भी ख़ास दोस्त क्यों न हो. अपनी सहेलियों को इस कदर भूल जाएगी मानो कभी कोई वास्ता ही नहीं था. और जब वह अकेली हो जाती है या उसे अपने अस्तित्व को खो देती है, तब उसे उन सब बातों की याद आती है. अपने पुराने रिश्ते याद आते है. सहेलियां याद आती है.
जो मैंने कहा है, यह बात सभी महिलाएं जानती है. उनकी भले कोई विवशता होगी.
किन्तु यही सब महिलाऐं अगर एक जुट हो जाए तो कितनी बड़ी शक्ति संघटित होगी इसका कोई अंदाज़ा ही, इन महिलाओ को नहीं है. घर पर या फिर व्यवसाय की जगह हो, सड़क हो या कोई भी जगह. महिला अगर सकारात्मक तरीके से एक दूसरे का साथ दे तो सभी महिलाऐं आगे आऐंगी और कोई उस पर अत्याचार नहीं कर पाएगा.
आज के ज़माने में स्त्रियों को एक दूसरे की मदद करके आगे बढ़ना होगा.
तब जाके स्त्री शक्ति सर्वश्रेठ असल में कहलाएगी.