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देखिये कौन कर रहा है खत्म, आप सबका धर्म ?

बॉलीवुड में धर्म एक संजीविनी की तरह काम करता आया है.

जब कोई कहानी ना मिले या जब निर्देशक का दिल हो कि अब 50 से 60 करोड़ कमा लिए जाए तो ऐसे में वह धर्म को उठाता है और उसके चारों और कहानी बुन देता है.

धर्म को लेकर जो भी कहानी लिखी जाती है वह एक मकड़ी के जाल की तरह होती है, हम कहानी तो पसंद कर लेते हैं किन्तु उसमें फंस भी जाते है. दिल और दिल दिमाग की जंग शुरू हो जाती है कि आखिर दिल की सुने या दिमाग की.

दिमाग विज्ञान को मानता है और दिल धर्म की बात करता है.

और अब देखिये जल्द ही आ रही है फिल्म ‘धर्म संकट में’ परेश रावल फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में हैं.

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कहानी एक धर्म पाल नाम के व्यक्ति के चारो ओर लिखी गयी है. धर्म पाल पैदा हुआ है एक मुस्लिम परिवार में वह बड़ा हुआ है हिन्दू धर्म में. जीवन के बीच में पहुँचकर धर्म पाल को इस बात का पता चलता है और यहाँ से शुरू होती है इस व्यक्ति की कहानी. यह व्यक्ति हिन्दू तो है ही, फिर मुस्लिम रीति-रिवाजों को सीखता और फिर इसाई धर्म कीओर भी इसका झुकाव हो जाता है.

धार्मिक पहचान क्या बहुत जरुरी होती है?

बिना धर्म के क्या कोई जी नहीं सकता है?

धार्मिक पहचान की लड़ाई को यहाँ दिखाया गया है.

फिल्म में मुख्य कलाकार हैं- परेश रावल, नसीरुद्दीन शाह, अन्नू कपूर, अलका कौशल, मुरली शर्मा, गिप्पी ग्रेवाल, सोफी चौधरी.

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इस तरह की फिल्म देखने के बाद एक बार तो यही लगता है कि आखिर धर्म में कुछ रखा ही नहीं है. धर्म को बस हम अपनी कमर में रखकर चले जा रहे हैं.

जबकि परेशानी यह है कि धर्म को हमने बस अपना तो लिया है लेकिन हम धर्म को कभी समझकर, अपना नहीं पाए हैं.

इससे पहले ‘ओह माय गॉड’ और ‘पीके’ जैसी फ़िल्में भी पर्दे पर आ चुकी हैं. बॉलीवुड कहीं ना कहीं यह प्रयास ही कर रहा है कि समाज धर्म को एक नशे के तौर पर प्रयोग ना करें.

आप अपने धर्म को खत्म करें, और धर्म का वास्तविक अर्थ समझ कर तब उसका पालन करें.

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