श्रीलंका में आज भी रामायण से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जो बीते हुए रामायण काल के इतिहास की गवाही देते हैं.
इस बात को तो सभी जानते हैं कि जब भगवान श्रीराम और लंकाधिपति रावण के बीच युद्ध हुआ था, तब राम के हाथों रावण का वध हुआ था और यह भी जानते हैं कि रावण के अंतिम संस्कार के लिए उसके शव को रावण के भाई विभिषण को सौंपा गया था.
विभिषण को लंकाधिपति रावण का शव सौंपे जाने के बाद रावण का अंतिम संस्कार हुआ भी था या नहीं इस बात को शायद कोई नहीं जानता है.
हम अगर ये कहें कि लंकाधिपति रावण आज भी लंका में मौजूद है तो आप शायद इस बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन ये हकीकत है.
रागला के जंगलों में मौजूद है लंकाधिपति रावण का शव
आज से हज़ारों साल पहले रावण की मृत्यु राम के हाथों हो चुकी है. लेकिन श्रीलंका की सरकार और वहां के लोगों का कहना है कि रावण आज भी धरती पर मौजूद है!
ये बताया जाता है कि श्रीलंका के रागला के घने जंगलों में रावण का शव ममी के रुप आज भी सुरक्षित रखा गया है, जिसकी रखवाली भयंकर नाग और खुंखार जानवर करते हैं.
ममी के नीचे दबा है रावण का खज़ाना
रागला के घने जंगलों में 8 हज़ार फूट की ऊंचाई पर एक गुफा मौजूद है, जहां रावण ने तपस्या की थी. कहा जाता है कि इसी गुफा में रावण की ममी मौजूद है. रावण का शव जिस ताबुत में रखा गया है, उसपर एक खास किस्म का लेप लगा है, जिससे वो ताबुत हज़ारों साल से जस का तस है.
इस ताबुत की लंबाई 18 फीट और चौड़ाई 5 फीट है और इसी ताबुत के नीचे रावण का बेशकीमती खज़ाना दबा हुआ है.
नागकुल के लोग ले गए थे रावण का शव
लंकाधिपति रावण की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार की ज़िम्मेदारी विभिषण को सौंपी गई थी लेकिन लंका की राजगद्दी संभालने की जल्दी में विभिषण ने रावण के शव को वैसे ही छोड़ दिया था. जिसके बाद रावण के शव को नागकुल के लोग अपने साथ ले गए थे. नागकुल के लोगों को यकीन था कि रावण की मौत क्षणिक है वो फिर से जीवित हो जाएगा.
उन्होंने रावण को फिर से जीवित करने की कई बार कोशिश भी की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. जिसके बाद उन्होंने रावण के शव को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न रसायनों का इस्तेमाल किया और उसे ममी के रुप में रख दिया.
ये थी लंकाधिपति रावण की कहानी – गौरतलब है कि श्रीलंका में रावण से जुड़े अनेक प्रमाण बताए जाते हैं.
श्रीलंका के लोग अपने पूर्वजों से ये बातें सुनते आए हैं कि लंकाधिपति रावण लंका में ही मौजूद है, लेकिन ये ज़रूरी नहीं है कि रावण के अस्तित्व से जुड़ी लोगों की ये मान्यताएं वैज्ञानिक नज़रिए से सही साबित हों.