Categories: क्रिकेट

अन्‍य खेल के महारथियों ने जब क्रिकेट में आजमाए अपने हाथ

कुछ अलग हटकर देखने का मिले तो वो मन को जरूर रास आता है।

खिलाडि़यों के साथ भी कुछ ऐसा ही हैं। एक खेल में महारत रखने वाला खिलाड़ी जब किसी अन्‍य खेल में अपने हाथ आजमाते दिखता है तो उसे देखने में बड़ा मजा आता है। उदाहरण के तौर पर सचिन तेंडुलकर को ही देख लीजिए, जब वह क्रिकेट के अलावा बैडमिंटन, टेनिस, टेबल टेनिस या फुटबॉल में हाथ आजमाते दिखते थे तो दर्शकों और खेल प्रेमियों के भाव देखते ही बनते थे।

इसी प्रकार अन्‍य खेल के सितारा खिलाडि़यों को क्रिकेट खेलते देखने में कितना अधिक मजा आता होगा। क्रिकेट कोई आसान खेल नहीं है, हर कोई इसे नहीं खेल सकता। इसलिए जब कोई अन्‍य खेल ही महान हस्‍ती क्रिकेट का बल्‍ला उठाती है तो क्रिकेट प्रेमियों के चेहरे पर एक मुस्‍कान जरूर ले आती है।

आइए जानते हैं कि ऐसे ही कुछ खेल हस्तियों के बारे में जिसने ‘गेम ऑफ जैंटलमैन’ में अपने हाथ आजमाए।

राफेल नडाल-

हम उस खेल से शुरुआत करते है जो क्रिकेट से मेल खाता है। जब राफेल नडाल भारत में चेन्‍नई ओपन टेनिस टूर्नामेंट खेलने आए तो पूर्व भारतीय क्रिकेटर क्रिस श्रीकांत ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। क्‍ले कोर्ट के बादशाह स्‍पेनिश खिलाड़ी के हाथ में श्रीकांत ने क्रिकेट का बल्‍ला थमा दिया। नडाल ने 16 यार्ड की पिच पर 10 मिनट का दोस्‍ताना मैच खेला जिसमें बल्‍लेबाजी करते समय उन्‍होंने गगनभेदी छक्‍का भी जमाया। इससे नडाल ने एक बात साबित कर दी कि वे क्रिकेट में पिंच हिटर की भूमिका जरूर निभा सकते हैं। नडाल को बल्‍लेबाजी करते देख दर्शकों के चेहरे पर मुस्‍कान देखते ही बनती थी।

उसेन बोल्‍ट-

विश्‍व के सबसे तेज धावक उसेन बोल्‍ट ने अगर अपने पिता की बात नहीं सुनी होती तो वो निश्चित ही बेहतरीन क्रिकेटर होते। कई इंटरव्‍यू में तो बोल्‍ट खुद ही स्‍वीकार चुके हैं कि वह अगर एथलीट नहीं होते तो क्रिकेटर होते। बोल्‍ट ने विस्‍फोटक कैरेबियाई बल्‍लेबाज क्रिस गेल की गेंद पर छक्‍का जमाया था और गेंदबाजी करते हुए बाएं हाथ के बल्‍लेबाज को बोल्‍ड भी किया। इसके अलावा युवी प्रदर्शनी एकादश के खिलाफ मैच खेलते हुए बोल्‍ट ने अंतिम गेंद पर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। विश्‍व में फैले उनके प्रशंसकों ने बोल्‍ट की क्रिकेट क्लिपिंग को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था।

फर्नांडो लॉरेंटे-

स्‍पेन के साथ विश्‍व कप जीतने के बाद फुटबॉलर फर्नांडो लॉरेंटे ने ‘सेव द चिल्‍ड्रन’ का ब्रांड एम्‍बेस्‍डर बनकर भारत में समय बिताया। तब तक भारत में हर साल बच्‍चों की मौत का आंकड़ा 20 लाख पहुंच गया था। सेविला के फॉरवर्ड खिलाड़ी ने बच्‍चों के साथ मस्‍ती का माहौल बनाया और भारत में धर्म जाने वाले खेल का पूरा आनंद उठाया। फर्नांडो ने ग्रामीण इलाके के बच्‍चों के साथ क्रिकेट खेला और वो बच्‍चें आज तक इस पल को भूल नहीं पाए हैं। फर्नांडो ने गली क्रिकेट खेला और बल्‍लेबाजी में जमकर हाथ आजमाए।

रॉजर फेडरर-

17 बार के ग्रैंड स्‍लैम विजेता रॉजर फेडरर टेनिस प्रशंसकों के दिलों पर राज करते हैं। खेलने की शानदार स्‍टाइल और विजेता ट्रॉफियां उन्‍हें टेनिस के इतिहास का महान खिलाड़ी साबित करती हैं। चूंकि ट‍ेनिस और क्रिकेट में कुछ समानता हैं सिर्फ इस लिहाज से फेडरर ने क्रिकेट नहीं खेला। दरअसल, जब भारत में सुनामी की मार पड़ी तो फेडरर ने यूनिसेफ का गुडविल एम्‍बेस्‍डर होने के नाते भारत का दौरा किया और बच्‍चों के साथ क्रिकेट खेला। फेडरर और बच्‍चों ने क्रिकेट खेलने के पल का भरपूर आनंद उठाया।

जेम्‍स ब्‍लैक-

विश्‍व में अपनी रफ्तार से पहचान बनाने वाले जेम्‍स ब्‍लैका का पहला प्‍यार ही क्रिकेट है। उन्‍होंने एक बार बताया था कि वह इंग्लिश काउंटी टीम यॉर्कशायर क्रिकेट क्‍लब का प्रतिनिधित्‍व भी कर चुके हैं। 29 की उम्र में पहुंचकर उन्‍होंने क्रिकेट से किनारा कर लिया था और फिर पूरे समय रेस पर ध्‍यान देना शुरू किया। रिपोर्टों के मुताबिक वह 85 से 90 मील प्रति घंटे कर रफ्तार से गेंद करते थे। उन्‍हें जेम्‍स एंडरसन बहुत पसंद हैं। वह हर रविवार को किंग्‍सटन क्‍लब की तरफ से क्रिकेट खेला करते थे। जेम्‍स ने अपनी ट्रैकिंग पर अपनी रफ्तार और क्रिकेट से प्रशंसकों को अपना मुरीद बनाया है।

मार्क वेबर-

2011 में जब भारत ने पहली बार एफ-1 रेस का आयोजन किया तो कई दिग्‍गज ड्राइवरों ने इसमें हिस्‍सा लिया। जहां भारत में एफ-1 का क्रेज छाया हुआ था, वहीं क्रिकेट प्रशंसकों के जोश में कोई कमी नहीं आई। क्‍योंकि रेड बुल के ड्राइवर मार्क वेबर का क्रिकेट बिना खेले इस देश से जाने का मन नहीं हुआ। ऑस्‍ट्रेलियाई ड्राइवर ने नोएडा अंतरराष्‍ट्रीय यूनिवर्सिटी में गौतम गंभीर की गेंदों का सामना किया और विश्‍व को दिखाया कि कंगारू खिलाड़ी क्रिकेट में बहुत दम-खम रखते हैं। मार्क वेबर को खेलते देख प्रशंसकों ने खूब तालियां बजाकर माहौल खुशनुमा बना दिया।

तीन अक्‍टूबर से इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) शुरू होने जा रहा है। खबरें सुनने में आ रही हैं कि कुछ फुटबॉलर अपना हाथ भारत में धर्म माने जाने वाले खेल क्रिकेट में भी आजमाएंगे। इससे पहले जितने अन्‍य खेल के खिलाडि़यों ने क्रिकेट में हाथ आजमाए हैं, उनके बारे में जरूर याद रखे ताकि फुटबॉलर्स को क्रिकेट खेलते देखने का मजा उठा सके।

Abhishek Nigam

Share
Published by
Abhishek Nigam

Recent Posts

ढल गई जवानी जिस्म के सौदे में ! अब क्या होगा बूढ़ापे का !

वेश्याओं के रेड लाइट इलाके में हर रोज़ सजती है जिस्मफरोशी की मंडी. इस मंडी…

6 years ago

पेट्रीसिया नारायण ! 50 पैसे रोजाना से 2 लाख रुपये रोजाना का सफ़र!

संघर्ष करनेवालों की कभी हार नहीं होती है. जो अपने जीवन में संघर्षों से मुंह…

6 years ago

माता रानी के दर्शन का फल तभी मिलेगा, जब करेंगे भैरवनाथ के दर्शन !

वैष्णों देवी माता का मंदिर कटरा से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.…

6 years ago

एक गरीब ब्राह्मण भोजन चुराता हुआ पकड़ा गया और फिर वो कैसे बन गए धन के देवता कुबेर देव!

धन-दौलत की चाह रखनेवाले हमेशा धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं. माता लक्ष्मी…

6 years ago

रमज़ान में खुले हैं जन्नत के दरवाज़े ! होगी हर दुआ कबूल !

साल के बारह महीनों में रमज़ान का महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास होता है.…

6 years ago

चिता की राख से आरती करने पर खुश होते हैं उज्जैन के राजा ‘महाकाल’

उज्जैन के क्षिप्रा नदी के पूर्वी किनारे पर बसा है उज्जैन के राजा महाकालेश्वर का…

6 years ago