अप्सराओं कि विनती पर भगवान शिव ने विष्णु कि यादाश्त भुला दी और उन्हें पाताल में छोड़ दिया. समय बीतने के साथ भगवान विष्णु और अप्सराओं के संबंधों के फलस्वरूप बहुत से बालकों का जन्म हुआ.
भगवन विष्णु और अप्सराओं की ये संताने बहुत ही आसुरी प्रवृत्ति की थी. इनके अत्याचारों से धरती और स्वर्ग कांप उठे थे. व्यथा सुनकर भगवान शिव ने वृषभ रूप लिया और पाताल में जाकर विष्णु के सभी आसुरी पुत्रों का वध कर दिया.