पाताल में जाने के बाद असुरों ने उन रूपवान अप्सराओं के साथ हर तरह से आनंद उठाया. जब असुर ऊपर अमृत लेने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि अमृत तो देवताओं ने पी लिया था.
क्रोधित होकर असुरों ने देवताओं पर हमला किया. भगवान विष्णु ने असुरों को परास्त कर दिया और उन्हें पाताल में खदेड़ दिया.
भगवान विष्णु को देखकर पाताल कि अप्सराएँ उन पर मोहित हो गयी और उन्होंने शिव से वरदान माँगा कि विष्णु को पाताल में ही रहने दिया जाए.