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आखिर राम ने क्यों परमभक्त हनुमान को मारने के लिए चलाया ब्रह्मास्त्र!

राम और हनुमान….
इन दोनों नामों को कोई अलग अलग सोच भी नहीं सकता.  श्री राम के सबसे बड़े भक्त है हनुमान.

जब भी निस्वार्थ भक्ति की बात आती है तो अपने आप ही बजरंग बली की छवि आँखों के सामने आ जाती है.
राम के लिए हनुमान की भक्ति इस भजन से पता चलती है…

“तेरे जैसा राम भक्त ना हुआ  ना होगा मतवाला, एक ज़रा सी बात पे तूने सीना फाड़ दिखा डाला “



लेकिन जो कहानी हम आज आपको बताने जा रहे है उसे पढ़कर आपको आश्चर्य की सीमा नहीं रहेगी.
इस पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान राम ने अपने परम भक्त पर सबसे खतरनाक माने जाने वाले ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर दिया था.

एक समय की बात ही नारद मुनि को हनुमान से ईर्ष्या होने लगी थी. नारद मुनि को लगता था कि विष्णु के सबसे बड़े भक्त वो स्वयं है और हनुमान केवल भक्ति का नाटक करते है.

हनुमान को नीचा दिखाने के लिए नारद मुनि ने एक योजना बनायी. श्री राम ने एक बार एक भोज का आयोजन किया उसमे सभी देवी देवताओं और ऋषि मुनियों को आमंत्रित किया गया. इस आयोजन में ऋषि विश्वामित्र भी आये थे.

अपनी योजना के अनुसार नारद मुनि ने कहा कि विश्वामित्र को अधिक मान मनुहार और सेवा पसंद नहीं है इसलिए उन्हें ज्यादा परेशां ना करें.

उधर दूसरी ओर नारद ने विश्वामित्र से कहा कि हनुमान जानबूझ कर उन पर ध्यान नहीं दे रहे. नारद मुनि की बातों में आकर सिश्वमित्र क्रोधित हो गए और उन्होंने राम को आदेश दिया कि वो हनुमान को दण्डित करे.

श्री राम को नारद मुनि की चाल समझ आ गयी थी लेकिन गुरु की आज्ञा को वो ताल नहीं सकते थे. इसलिए उन्होंने हनुमान को दण्डित करने के लिए अस्त्र उठा लिए.

हनुमान उस समय श्री राम की भक्ति में लीं थे इसलिए राम द्वारा उपयोग किये गए किसी अस्त्र का उनपर कोई असर नहीं हुआ.

ये देखकर राम को मजबूरन ब्रह्मास्त्र का उपयोग करना पड़ा. ब्रह्मास्त्र सबसे विध्वंसक अस्त्र माना जाता है और इससे कोई भी नहीं बच सकता था.

लेकिन हनुमान इस अस्त्र के वार से भी बच गए. ये देखकर श्री राम, विश्वामित्र और नारद सहित वहां उपस्थित लोगों को आश्चर्य हुआ. जब हनुमान का ध्यान टूटा तो नारद ने पुछा ये चम्ताक्र कैसे हुआ, ब्रह्मास्त्र का वार भी खाली गया.

हनुमान ने बताया कि वो श्री राम की भक्ति में इतने लीन थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि आसपास क्या हो रहा है.

हनुमान की ऐसे भक्ति देखकर विश्वामित्र और नारद ने हनुमान से माफ़ी मांगी और भगवान राम ने हनुमान को गले लगाकर कहा कि भक्ति का ऐसा उदाहरण ना कभी देखा ना सुना.

भगवान  श्री राम ने हनुमान को वरदान दिया कि शहनुमान की बहकती करने वाले को राम की भक्ति करने का भी फल मिलेगा और उसके हर दुःख और क्लेश दूर होंगे.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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