पतियों के भरोसे किचन – महिलाओं को अक्सर ही अपने पतियों से सुनना पड़ता है कि ‘तुम दिनभर घर बैठे-बैठे करती ही क्या हो? बस आराम फरमाती हो”
ऐसे पतियों पर गुस्सा नहीं बल्कि तरस आना चाहिए। बेचारे नासमझ है। उन्होंने कभी घर संभालकर तो देखा नहीं। कैसे पता चलेगा घर संभालने का मतलब क्या होता है?
चलिए घर संभालना तो रहने ही दीजिए। वो कभी किचन संभालकर तो देखे। माना कि आदमी बहुत अच्छे कुक होते हैं। लेकिन कोयले की खान में हीरे तो कुछ ही होते हैं। अब जिन्होंने कभी खुद से एक गिलास पानी भी नहीं लिया, वो कैसे बता पाएंगे कि मटका कहां रखा है?
लेकिन वो क्या है ना कि मजबूरी का नाम महात्मा गांधी होता है। शादी के बाद मजबूरी में कभी-कभी इन पतिदेवों पर भी किचन में कदम रखने की नौबत आ जाती है। पतियों के भरोसे किचन का क्या हाल होता है? आप खुद ही देख लीजिए –
पतियों के भरोसे किचन –
कभी पत्नी से पूछकर देखिएगा, किचन में कौन-सा सामान कहां रखा है? वो ऐसे बताएंगी जैसे दूसरे कमरे में बैठकर भी सामान देख पा रही हो। लेकिन यहां पतिदेव से तो अपना ही सामान नहीं संभल रहा है। अब पत्नी से ही पूछेंगे, “अरे, मेरा चश्मा कहा है?”
जो लोग कहते हैं कि हमें कुकिंग आती है, वो ऐसा मैगी की बदौलत कह पाते हैं। मगर कुछ पति तो इस कैटेगरी में भी फिट नहीं बैठते हैं। मैगी बनाने वालों तुम्हें वाकई कुकिंग आती है।
पतिदेव को तो यह दुर्घटना भी किसी अचीवमेंट की तरह लग रही होगी। सोच रहे होंगे कि वाह! क्या शॉट मारा है। सीधा दीवार में घुसा है।
इन्होंने ना जाने क्या बनाते-बनाते अंगारे बना दिए। अब तो इस पर ही कोई नई डिश पक जाएगी।
कुकिंग करने से पहले यह भी पता होना चाहिए कि किस तरह के बर्तन में खाना पकाया जाना चाहिए और किस बर्तन में नहीं। चलिए कम से कम गलती मानकर माफी तो मांगी है।
कही ऐसा तो नहीं कि पति ने सोचा होगा कि पत्नी जी को पिज़्ज़ा बनाकर सरप्राइज देंगे। मगर बेचारे की मेहनत पर तो पानी फिर गया । अगर ऐसा है तो इस पति पर मुझे तो बड़ी दया आ रही है।
शायद बेचारी पत्नी सोच रही होगी कि अब सफाई तो मुझे ही करनी पड़ेगी। वैसे आधा काम तो बिल्ली ही कर देगी। जो भी बना था उसे तो पसंद आ ही गया।
इसमें बेचारे पति की क्या गलती? वो तो कुकिंग को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित था। अब कुकर ही छोटा पड़ गया तो कोई क्या कर सकता है।
ये सच में वो पति है जो कभी किचन में पानी लेने भी नहीं गया। यार इसको ये भी नहीं पता कि खाना पकाने के लिए गैस जलाना होता है, खाने में आग नहीं लगानी होती है।
ऐसे मतलब, यहां तो पति बॉडी बिल्डर निकले। एक हाथ से काम तमाम कर दिया। कोई बात नहीं, कम से कम चाकू तो बचा हुआ है।
पतियों के भरोसे किचन – यदि आप भी अपने पति को किचन की बागडौर देने का प्लान बना रही थी तो एक बार सोच लीजिए, ये बड़ा ही रिस्की काम है। बेहतर रहेगा कि आप पहले उन्हें कुछ बेसिक बातें सीखा दे, उसके बाद ही किचन में भेजे।
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