हनुमान जी ने भीम को अपना विशाल रूप दिखाया
हनुमान जी की बातों से प्रसन्न होते हुए फिर से भीम ने आग्रह किया कि वो अपना विशाल रूप दिखाएं. और कहा कि जब तक आप मुझे अपना वो रुप नहीं दिखाएंगे मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगा. यदि मेरे ऊपर आपकी कृपा है, तो मुझे आप अपने उस दिव्य रुप के दर्शन कराएं.
भीम के ऐसा कहने पर हनुमान जी ने उन्हें अपने स्वरूप का दर्शन दिया. और भीम को अपने गले से लगा लिया. ऐसा करने से भीम की सारी थकान दूर हो गई. और वे हर तरह से अनुकूलता का अनुभव करने लगे.