हनुमान जी ने भीम को बताया था चारों युगों के बारे में
हनुमान जी की बातों से भीम को काफी प्रसन्नता हुई. और उन्होंने बोला कि समुंद्र को लांघते वक्त जिस विशाल रूप को आपने धारण किया था, मैं भी उसे देखना चाहता हूं. भीम ने जब ऐसा कहा तो हनुमान जी ने कहा कि तुम मेरे उस रूप को नहीं देख पाओगे. और कोई दूसरा पुरुष भी मेरे उस रूप को नहीं देख सकता. सतयुग का समय दूसरा था. द्वापर और त्रेता का भी दूसरा है. काल हमेशा क्षय करने वाला होता है. अब मेरा वो रूप है ही नहीं.
इसपर भीम ने कहा कि आप मुझे युगों के बारे में बताएं. भीम के अनुरोध पर हनुमान जी ने कृतयुग, त्रेतायुग और फिर द्वापर युग व अंत में कलयुग के बारे में कहा.