जब हनुमान जी की पूंछ नहीं उठा पाए भीम
भीम की बात को सुनने के बाद हनुमान जी ने कहा कि, वीर तुम क्रोध मत करो. मैं एक बूढ़ा बंदर हूं. मुझ में उठने की हिम्मत नहीं है. इसलिए तुम मेरे ऊपर एक कृपा करो और मेरा पूंछ हटाकर यहां से निकल जाओ.
हनुमान जी के ऐसा कहने पर भीम को उनपर हंसी आ गई, और अपने बाएं हाथ से पूंछ को हटाने लगे. लेकिन भीम हनुमान जी की पूंछ को हिला तक ना सके. ऐसे में भी हनुमान जी के पास पहुंचे और निवेदन करते हुए कहा कि आप कौन हैं? हमें अपने विषय में बताइए और मेरे द्वारा बोले गए कटु वचनों के लिए मुझे क्षमा कीजिये.
तब जाकर हनुमान जी ने अपना परिचय भीम को देते हुए कहा कि तुम जिस मार्ग पर जाना चाहते हो, उस मार्ग में देवता का निवास है. मनुष्य के लिए ये सुरक्षित नहीं. इसलिए मैंने तुम्हें रोकने की कोशिश की. तुम जहां जाना चाहते हो वो सरोवर यहीं पर है.