जब भीम ने हनुमान से मांगा जाने का रास्ता
भीम ने हनुमान जी से कहा कि चुकी इस संसार में मौजूद सभी प्राणियों में ईश्वर का निवास है. इसलिए मैं आपको नहीं लांघुंगा. मुझे परमात्मा के स्वरूप का ज्ञान है. इसलिए खुद को रोके हुआ हूं. नहीं तो तुम तो क्या, मैं तो इस पर्वत को भी लांघ जाता. ठीक उसी तरह जिस तरह हनुमान जी समुंद्र को लांघे थे.
तब हनुमान जी ने भीम से पूछा कि ये हनुमान कौन थे? जिन्होंने समुंद्र को लांघ दिया था? उनके विषय में तुम मुझे बताओ. तब भीम ने कहा कि वो मेरे भाई हैं. और हनुमान जी श्रीरामचंद्र जी की पत्नी सीता जी की खोज में जब निकले थे, तो उन्होंने एक ही छलांग में 100 योजन बड़ा समुंद्र लांघ दिया था. मैं भी पराक्रम और बल में उन्ही के जैसा हूं. इसलिए अब आप खड़े हो जाइए और मुझे जाने का रास्ता दीजिए. यदि आपने मेरी आज्ञा नहीं मानी तो मैं आपको यमलोक पहुंचा दूंगा.