गंधमादन पर्वत पर रहते थे हनुमान जी
कमल पुष्प को ढूंढते-ढूंढते भीम केले के एक बगीचे तक पहुंच गए. ये बगीचा गंधमादन पर्वत की चोटी पर मौजूद काफी लंबा-चौड़ा था. भीम निडर होकर उस बगीचे में पहुंच गए. यहां भगवान श्री हनुमान रहा करते थे. हनुमान को अपने भाई के वहां आने का आभास हो गया. ( धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि हनुमान जी पवन पुत्र हैं. और भीम भी इसलिए दोनों भाई हुए.) हनुमान जी को लगा कि भीम के लिये ये मार्ग सही नहीं है, इसलिए भीम की रक्षा की खातिर हनुमानजी केले के बगीचे से होकर जाने वाले संकरे रास्ते को रोककर वहीं लेट गए.