2) जॉइंट अकाउंट
ये दूसरा तरीका है 50-50% की ज़िम्मेदारी का! मतलब एक जॉइंट अकाउंट खोलिए जहाँ आप दोनों की इनकम का एक हिस्सा हर महीने जमा होगा और सांझे खर्चे उसी अकाउंट से किये जाएँगे! ये शादी के बाद और भी ज़रूरी हो जाएगा ताकि ऐसा ना लगे कि एक पार्टनर पर ज़रुरत से ज़्यादा भार डाला जा रहा है!