नौकरी से छुट्टी – आजकल नौकरी को खतरा आम बात हो गई है। सरकारी नौकरी के अलावा आज के समय में और किसी भी नौकरी का कोई भरोसा नहीं है। प्राइवेट नौकरी का तो बहुत ही बुरा हाल है, यहां कभी भी नौकरी से छुट्टी हो सकती है – कोई भी दिन आपका ऑफिस में आखिरी दिन हो सकता है।
नौकरी से छुट्टी का असर उस इंसान के साथ-साथ उसके परिवार पर भी पड़ता है। अकसर इंप्लॉयीज़ को अचानक से नोटिस दे दिया जाता है लेकिन ये उस इंप्लॉयी के लिए बहुत बुरा पल होता है।
अगर आप ऐसी किसी सिचुएशन से बचना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनकी मदद से आपको पता चल जाएगा कि आपकी नौकरी से छुट्टी होनेवाली है – आपके बॉस आपकी छुट्टी करने वाले हैं।
जब कभी भी आपको अपने सीनियर या किसी सहकर्मी से ये इशारा मिलने लगे कि आपकी नौकर खतरे में है तो आपको समझ जाना चाहिए कि बॉस ने आपकी नौकरी के बारे में उनसे कुछ डिस्कस किया है।
अगर आपको अचानक से मीटिंग में बुलाना बंद कर दिया जाए या बॉस का आपसे इंटरैक्शन कम हो जाए तो समझ लें कि बॉस आपके काम से खुश नहीं हैं। ऐसे में आपको समझ लेना चाहिए कि आपको नई नौकरी ढूंढने का समय आ गया है।
अगर आप बार-बार ऑफिस लेट जाते हैं तो भी बॉस आपको नोटिस दे सकते हैं। ऐसे में आपको या तो टाइम पर आना शुरु कर देना चाहिए या फिर खुद ही दूसरी नौकरी ढूंढ लेनी चाहिए।
अगर आपके बढिया काम करने पर भी बॉस आपकी गलतियां निकाले तो यह इस बात का सीधा इशारा है कि आप अब अपने लिए नई नौकरी देख सकते हैं और चाहकर भी अब आपके बॉस आपसे खुश नहीं होने वाले हैं।
इसके अलावा हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये खुलासा हुआ है कि इंप्लॉयीज़ के लिए इस बात का अंदाज़ा लगा पाना बड़ा ही मुश्किल होता है कि किस समय उनके बास का मूड कैसा रहेगा। शोध की मानें तो बॉस के मूड की वजह से कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
कुछ समय पहले माना जाता था कि जो बॉस असंवेदनशील और कठोर होते हैं उनकी वजह से इंप्लॉयीज़ में अस्थिरता बढ़ जाती है। इसके मुकाबले अब देखा गया है कि जो बॉस अपने इंप्लॉयीज़ के साथ कभी नरम तो कभी गुस्सैल होते हैं और जिनका मूड बदलता रहता है उन कर्मचारियों में कम अस्थिरता होती है।
ब्रिटेन के एक्सेटर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर का इस बारे में कहना है कि कर्मचारियों और मालिकों के बीच अच्छे और बुरे दोनों तरह के संबंध होते हैं लेकिन कभी-कभी दोनों ही हो सकते हैं। कभी-कभी बॉस अपने कर्मचारियों को कार्य के दौरान ईनाम और दंड देते हैं जिसका असर उनके आत्मसम्मान पर भी पड़ता है।
इस रिसर्च की मानें तो बॉस के मूड का असर कर्मचारियों के कार्य और उनके व्यवहार पर भी पड़ता है। इंप्लॉयीज़ क्या करते हैं और अपनी कंपनी के लिए वो कितने प्रतिबद्ध हैं, ये सब काफी हद तक बॉस के मूड पर डिपेंड करता है। अब तो आप समझ गए होंगें कि किसी भी ऑफिस में काम करने के लिए बॉस को खुश रखना कितना जरूरी है।
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