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रावण आज के युग में होता तो कैसी परेशानियाँ आती उसे?

रावण त्रेता युग में पैदा हुआ था और बड़ी आराम की ज़िन्दगी गुज़ारी उसने!

दस-दस सरों के साथ क्या ठाट से जिया रावण, जब तक जिया| लेकिन सोचिये कि अगर रावण आज के युग में पैदा होता, आज के हिंदुस्तान में तो क्या हालत होती उसकी?

आईये बताऊँ किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता रावण महाशय को:

1) सबसे पहले तो हुज़ूर को रहने के वान्दे हो जाते! बड़े-बड़े महलों के ज़माने गए, अब तो छोटे-छोटे माचिस की डिबिया जितने फ्लैट्स का दौर है! दस सरों के साथ कैसे रह पाता? एक सर बाथरूम में, दूसरा बाहर लॉबी में और तीसरा बाल सुखाने के लिए बालकनी में नज़र आता| अब यह तो सोचना भी मुश्किल है कि सोता कैसे एक छोटे-से बिस्तर पर?

2) सबसे पहली हार तो घर बैठे बैठे ही हो जाती उसकी| कहते हैं वो महाज्ञानी था और उसकी मौत के वक़्त ख़ुद श्री राम ने लक्ष्मण से कहा था कि जाओ और रावण से ज्ञान लेकर आओ! लेकिन आज के ज़माने में कौन पूछता रावण को? गूगल पर सब तो मिल जाता है! बेचारा शायद इस बेइज़्ज़ती के मारे ख़ुद ही मर जाता!

3) फेसबुक पर सेल्फ़ी कैसी होती? होती भी के नहीं होती? मुश्किल ही लगता है! अब देखो यारों, हम 500 फोटो खींचते हैं ताकि सही एक्सप्रेशंस आएँ और फिर एक बढ़िया सी सेल्फ़ी मिलती है फेसबुक पर डालने के लिए| रावण तो अपने दस सरों के सही एक्सप्रेशन लाने में ही बूढा हो जाता! कभी कोई ऊँघ रहा होता तो कोई नाक में ऊँगली डाल के बैठा होता! जब फोटो खींचने की बारी आती तो सभी सरों को एक साथ तैयार कर पाना जंग पर जाने से मुश्किल साबित होता!

4) खर्चे भी बढ़ जाते उसके| एक स्मार्ट फ़ोन से काम नहीं चलता, दस-दस लेकर चलने पड़ते! हर सर अपनी बात कहेगा ना? आप एक सवाल पूछते, जवाब दस आते! वो भी अलग-अलग! मान लीजिये पूछ लिया कि क्या हाल है? जवाब कुछ इस तरह के आते: कोई सर कहता ठीक हूँ, कोई कहता थकान है, किसी को नींद आ रही होती तो कोई कहता बोर हो गया पड़े-पड़े! अब समझ लीजीए कि एक मैसेज से ही कोहराम मच जाता!

5) कुम्भकरण को पालना बहुत मुश्किल हो जाता रावण के लिए! दाल 200 रूपए किलो बिक रही है, प्याज़ के दाम कहाँ पहुँचे हुए हैं! रावण राक्षस था और जायज़ है कि मांस-मच्छी खिला देता भाई को लेकिन उस में पड़ने वाले मसाले भी कहाँ सस्ते हैं? महँगाई की मार में शायद रावण भाई को 6 महीने की बजाये एक पूरा साल ही सुलाये रखता! सोचता कि शायद अगले साल सरकार बदलेगी, महँगाई कम होगी, तब जगाऊँगा भाई को! सोने दो जब तक सोता है!

6) श्रूँपरखा जैसी बहन भी कहाँ ज़िन्दगी आसान बनाती बेचारे रावण की! वो तो वक़्त अलग था कि नाक काट दिया, अब बदला लो| आज तो बदले लेने के लिए लड़ाई करनी पड़ती ही, पर उस से पहले बहन की नाक की सर्जरी भी करवानी पड़ती! नोज़ जॉब के लाखों जो लगते, उसका हिसाब कहाँ से होता!

7) 1 % चांस है कि राम-रावण का युद्ध होता ही नहीं! अमरीका पहले ही बीच में आ जाता और रावण को धमकाता कि दूसरे की बीवी वापस करो वरना राम के साथ मैं भी तुम पर हमला कर दूँगा! इतना ही नहीं, हज़ार तरह के सैंक्शन्स लगा दिए जाते लंका पर, उनका खाना-पीना दूभर हो जाता! बेचारा रावण शायद इतने में ही हाथ खड़े कर देता कि भाई माफ़ करो, ले जाओ अपनी पत्नी, मैं अपनी वाली के साथ ही खुश हूँ!

जो भी होता दोस्तों, आज के युग में राम-रावण का होना नामुमकिन सा ही है! पर सोचने में क्या बुराई है, है ना?

दसहरा मुबारक!

Nitish Bakshi

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Nitish Bakshi

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