क्रिकेट के महाकुम्भ का इंतज़ार हर खेल प्रेमी बड़ी बेसब्री से करता है.
पहला विश्व कप 1975 में खेला गया था. तबसे लेकर आज तक ये क्रिकेट कुम्भ हर 4 साल बाद खेला जा रहा है.
वैसे क्रिकेट की दीवानगी की बात हम करें और यहाँ भारत-पाकिस्तान की बात ना की जाए, तो इस खेल का मजा फीका रह जाता है. आज तक विश्वकप में पाकिस्तान भारत को हरा नहीं पाया है. जब-जब भारत पाकिस्तान का मैच होता है, दोनों देशों में भागती-दौड़ती जिंदगी जैसे थम सी जाती है. अभी 2015 के महाकुम्भ में भारत ने जब पाकिस्तान को हराया, तब यह खेल नफरत में तब्दील हो गया था. कई जगह से खेल प्रेमियों में आपसी मारपीट की भी ख़बरें आईं थीं. पाकिस्तान में तो टीवी सेट तक फोड़ दिए गये थे. क्रिकेट का यह खेल कब जुनून में बदल जाता है, किसी को पता ही नहीं चलता.
अभी हाल ही में दोनों देश क्वाटर फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं. आगे हो सकता है कि यदि दोनों देश अपने मुकाबले जीतते रहे तो, फाइनल या सेमीफाइनल में एक बार फिर से आमने-सामने हों.
आप कल्पना कीजिये कि एक बार और अगर भारत-पाकिस्तान इस विश्वकप के सेमीफाइनल या फाइनल में खेलते हैं तो क्या होगा? आम आदमी की जिंदगी में कितना परिवर्तन आ जायेगा? खेल यह जुनून शायद भारत-पाकिस्तान की हवा में साफ़ नज़र आने लगेगा.
आइये एक नज़र डालते हैं कि अगर विश्वकप में एक मैच और भारत बनाम पाकिस्तान होता है तो, क्या-क्या हो सकता है और किन बातों का हमें तब ध्यान रखना होगा.
1. चाय पर दोनों देशों के प्रधानमंत्री कर सकते हैं मित्रता की बात
भारत-पाकिस्तान यदि बड़ा मैच खेलते हैं तो दोनों देशों के प्रधानमंत्री शायद इसको देखने जाए. यदि ऐसा होगा तो खेल के वातावरण में चाय के साथ नई मित्रता की बातें तो जरुर होंगी. खेल के ही बहाने सही, लेकिन दोनों देश मिलकर विकास, कैसे करें इस पर बात जरुर होगी.
2. खाली हो जायेंगी फिर से सड़कें
इन दोनों देशों का मैच हो और सड़कें खालीं ना हो तो ऐसे में मजा नहीं आता है.मैच होगा तो फिर से सड़कें खाली हो जायेंगी. देश की रफ़्तार फिर से एक दिन के लिए रूक जाएगी.
3. मौका-मौका
यदि मैच होता है तो एक बार फिर टेलीविज़न पर नजर आयेगा, मौका-मौका विज्ञापन. भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए नये गीतों को निजात किया जायेगा. माहौल कुछ जंग में तब्दील हो जायेगा.
4. पड़ोसी देशों में आयेगी निकटता
दोनों देश हमेशा दूर-दूर भागते हैं. एक यही मौका होता है, जब एक ही जगह हम केसरिया और हरे रंग को एक साथ लहराते देख सकते पाते हैं. मैच होता है तो फिर से हम इस निकटता को अनुभव कर पायेंगे.
5. रेस्टोरेंट्स और बार वालों की होगी एक बार फिर चांदी
दोनों देशों के बीच होने वाले मैच का सबसे ज्यादा इंतजार होता है, रेस्टोरेंट्स और बार मालिकों को. जो लोग मैच देखने नहीं जा सकते हैं तब वह जाते हैं रेस्टोरेंट्स और बार में. यदि मैच होता है तो रंगीन हो जायेंगे इनके गलियारे.
क्या नहीं करना होगा.
भारत और पाकिस्तान के मैच में सट्टेबाजी से हमकों तौबा करनी होगी. यह भी एक तरह का जुआ होता है. इस दिन हमें कसम खानी होगी कि पवित्र खेल से इस बिमारी को दूर करना ही है.
अभी हाल ही में हुए मैच के अन्दर टीवी सेट फोड़ने की भी खबरें पाकिस्तान से आयीं थी, इस बार इस तरह की बातों का हमें ख्याल रखना होगा.
खेल को हमें खेल की तरह से लेते हुए ही देखना होगा. खेल को जंग में तब्दील नहीं करना चाहिए. कोशिश करनी होगी कि खेल की पवित्रता बनी रहे.
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