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क्या था भगवान श्री कृष्ण के जीवन का उद्देश्य! एक ऐसा रहस्य जो पहली बार खुलेगा

भगवान श्री कृष्ण के जीवन का आखिर क्या रहस्य था?

यदि यह सवाल कोई आपसे पूछता है तो आप यही बोलेंगे कि धरती पर पाप खत्म करने आये थे.

तो क्या भगवान श्री कृष्ण अपने लोक से पाप नहीं खत्म कर सकते थे? बिलकुल खत्म कर सकते थे लेकिन उनके यहाँ आने के कुछ अलग उद्देश्य रहे थे.

पृथ्वी पर आने के पीछे यही रहस्य था कि यहाँ रह रहा मानव इनके जीवन से नयापन करना सीख ले. दुःख में मुस्कुराना मनुष्य जान जाए.

आइये जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का जीवन और यह जन्म हमें क्या सिखाता है और इस जन्म का क्या उद्देश्य था-

1.       कर्म ही सबकुछ

भगवान श्री कृष्ण के नाम पर कुछ भी आपको नहीं मिलेगा. न राज्य है और ना कोई सेना. जीवन भर कृष्ण भटकते रहे थे. बस जीवन निर्वहन करने लिए कृष्ण कर्म करते रहे थे. जो प्यार से मिलता था उनको अपना बना लेते थे. कृष्ण के जीवन का एक उद्देश्य का कर्म करना सिखाना.

2.       युद्ध में जीतना सिखाना

भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि यह जीवन भी एक युद्ध ही है. जहाँ रोज हमको लड़ना है और जीतना है. युद्ध में अगर सामने वाला धर्म के तरीके से युद्ध करे तो आप भी धर्म का पालन करें. लेकिन युद्ध जरुर करो, डरकर भागों नहीं. यही कृष्ण के जीवन का दूसरा उद्देश्य था.

3.       प्रेम की नई परिभाषा

भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन में प्रेम की पवित्र परिभाषा को जन्म दिया है. वह सिखाते हैं कि कैसे प्रेम किया जाता है और दोस्ती निभाई जाती है. राधा से प्रेम किया किन्तु शादी नहीं हुई तो कुछ भी गलत नहीं किया, यह एक पवित्र प्रेम की निशानी थी. बाद में गोपियों से एक अलग और पवित्र संबंध बनाया. कृष्ण के जीवन का तीसरा उद्देश्य इन सभी लोगों प्रसन्न रखना ही था. प्रेम की सच्ची परिभाषा का निर्माण करना भी इनके जीवन का उद्देश्य था.
 
4.       मृत्यु का सच और जीवन की अंतिम सच्चाई

भगवान श्री कृष्ण के हमें यह दिखाया कि मृत्यु ही अंतिम सच है. यह इनके जीवन का एक बड़ा उद्देश्य रहा था जो इन्होनें पूरा किया था. मृत्यु का ज्ञान होते हुए भी हँसते हुए और प्रसन्न मन से पेड़ के नीचे बैठे और शिकारी के तीर से प्राण त्याग दिए.
यहाँ इन्होनें हमें दिखाया कि हर आत्मा को अपनी यात्रा पूरी करनी ही होती है.

5.       कई लोगों का अहंकार खत्म करना

यह भी इनके जीवन का बड़ा उद्देश्य था कि वह यह बात साबित करें कि किसी भी मनुष्य का अहंकार, उसकी मौत की वजह बन सकता है. कृष्ण ने जीवन में बड़े से बड़े अहंकारी का जीवन खत्म कर इस उद्देश्य को पूरा किया है.

तो अब आप कृष्ण के जीवन का उद्देश्य तो जान चुके हैं लेकिन अगर इन बातों को आओ समझ कर अमल में भी लायें तो कृष्ण की रहमत आप पर जरूर बरसेगी.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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