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दिल्ली दंगों के समय नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे, मोदी के इस फैसले ने बचाई हजारों बेगुनाह हिन्दुओं की जान 

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अजीत डोभाल को यह खबर थी कि मुस्लिम इलाकों में मस्जिदों से इस तरीके का ऐलान किया जा रहा है कि जिसको सुनकर इलाके के लोग भी भय में बैठे हुए हैं. यही कारण है कि रात के 2:00 बजे तक अजीत डोभाल दंगों वाली दिल्ली में बैठे रहे

अजित डोभाल दिल्ली के मौजपुर का दौरा करते हुए

दिल्ली के अंदर जब दंगे हुए और जब आगजनी की जा रही थी तो उस समय नरेंद्र मोदी कहां थे? यह बात हर कोई जानना चाहता है कांग्रेस एक तरफ नरेंद्र मोदी के ऊपर यह आरोप लगा रही है कि नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करना चाहिए। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नरेंद्र मोदी को राजधर्म की याद दिलाई और साथ ही साथ गुजरात दंगों के समय, अटल बिहारी वाजपेयी जी के उस वाक्य को भी याद किया जब वाजपेयी जी ने नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी.

सबसे पहले तो आपको याद दिला दें कि अगर कांग्रेस ने राज धर्म का पालन किया होता तो सिख दंगों में बेगुनाह सिखों की इतनी जान नहीं गई होती। कांग्रेस जिस तरीके से दंगों के समय में इस समय राजनीति कर रही है तो उसके बाद इतना तो साफ है कि कांग्रेस खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है और हिंदुओं के दिलों में अपने लिए जहर उत्पन्न करा रही है. गलत रास्ते पर चलती हुई कांग्रेस इस समय दंगा भड़काने का काम कर रही है.

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जिस समय दिल्ली में दंगे हुए और यह आगजनी की जा रही थी उस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप के साथ दिल्ली में ही दूसरे मुद्दों पर कर रहे थे. जब डोनाल्ड ट्रंप अहमदाबाद आई थी उसी के बाद तुरंत ही दिल्ली में दंगे भड़का दिए गए थे दरअसल दंगे भड़काने वाले आतंकवादी यह जानते थे कि इस समय मीडिया का ध्यान डॉलर टर्म पर रहेगा और दिल्ली में जो भी चाहे वह किया जा सकता है.

जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप भारत से रवाना हुए उसके तुरंत बाद ही नरेंद्र मोदी ने अपने सबसे भरोसे के आदमी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दंगों वाली जगह पर भेज दिया था. दरअसल खुद अजीत डोभाल ने यह बात स्वीकार की थी कि वह होम मिनिस्टर और प्रधानमंत्री को सीधे-सीधे इस इलाके के हालातों से वाकिफ कराने के लिए यहां पर आए हैं. अजीत डोभाल को यह खबर थी कि मुस्लिम इलाकों में मस्जिदों से इस तरीके का ऐलान किया जा रहा है कि जिसको सुनकर इलाके के लोग भी भय में बैठे हुए हैं. यही कारण है कि रात के 2:00 बजे तक अजीत डोभाल दंगों वाली दिल्ली में बैठे रहे और जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप भारत से रवाना हुए तो तुरंत ही नरेंद्र मोदी ने अमित शाह के साथ मिलकर पुलिस को गोली चलाने का आदेश दे दिया था.

नरेंद्र मोदी की साख जिस तरीके से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही है तो आतंकवादी और पाकिस्तान के हुक्मरान यह चाहते हैं कि उस तस्वीर को बिगाड़ दिया जाए. यही कारण है कि ट्रंप जब दिल्ली में थे तब दंगे किए जा रहे थे और नरेंद्र मोदी इन दंगों के बारे में पल-पल की जानकारी अजीत डोभाल से ले रहे थे.

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