फ्रेंड की गर्लफ्रेंड से हो गया है प्यार! अब क्या करें यार?
जी हाँ, जी हाँ, ऐसा हो जाता है!
कोई चिंता फिक़्र की बात नहीं है!
अब आपको फ्रेंड की गर्लफ्रेंड से प्यार हो ही गया है तो ये सोचिए कि ऐसा क्या करें कि या तो मामला फिट हो जाए या आप ही इस आफ़ती जंजाल से बाहर आ जायें!
हमारी मानिए तो यूँ करिए, जिस से कि आप की दोस्ती भी बनी रहे और प्यार का इज़हार भी हो जाए! अब प्यार परवान चढ़ेगा या नहीं, ये तो सामने वाली महिला पर निर्भर करता है, जो आप को आपके प्रपोज़ल का सही सही जवाब दे सकती हैं!
तो आइए आप को बताते हैं कुछ कामगार तरीके इस सिचुयेशन से निबटने के:
सब से पहले तो आप को अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड के बारे में सोचना होगा, एक अलग व्यक्तित्व के तौर पर! चलिए यहाँ एक नाम रख लेते हैं उन का, श्रुति! सब से पहला कदम यही है कि श्रुति को एक अलग इंसान की तरह सोचिए, ना कि आप के दोस्त की गर्लफ्रेंड की तरह!
दूसरा काम ये है कि आप श्रुति के प्रति अपनी भावनाओं को दोबारा जाँच लीजिए! हो सकता है कि एक साथ ज़्यादा वक़्त बिताने की वजह से जो आकर्षण हो जाता है, उसे आप प्यार समझ बैठे हों! श्रुति के साथ मिलने का सिलसिला, चाहे वो आप के दोस्त की मौजूदगी में ही होता था, थोड़ा सा कम कीजिए! और वैसे भी जब आप उन्हें एक अलग महिला की तरह देख रहे हैं, तो आप के पास उन से मिलने के कारण अपने आप कम हो जाएँगे! फिर देखिए की 2-4 हफ्ते ना मिलने के बाद भी क्या आप वैसा ही महसूस करते हैं श्रुति के लिए जैसा पहले कर रहे थे, या प्यार का उबाल ठंडा पड़ गया है?
और अगर 2-4 हफ्ते दूर रहने के बाद आप को ये महसूस होता है कि आप श्रुति को बेइंतेहा मिस कर रहे हैं, और आप उन्हें इसलिए नही चाहते कि वो आप के फ्रेंड की गर्लफ्रेंड हैं, बल्कि अपनी खुद की गर्लफ्रेंड की तरह चाहना चाहते हैं, तो हुज़ूर वक़्त आ गया है, एक ठोस क़दम उठाने का! श्रुति से मिलना होगा, अकेले में, और उन्हें कॉन्फिडेंट्ली अपनी भावनाओं के बारे में बता देना होगा! और उनसे पूछना होगा कि क्या वो भी कुछ ऐसा महसूस करती हैं? यू नेवर नो, राइट?
इस मीटिंग में ही आप को श्रुति को ये क्लियर कर देना होगा कि अगर वो ना भी कहती हैं तो आप की दोस्ती उन के साथ और आप के दोस्त यानी की श्रुति के बाय्फ्रेंड के साथ वैसे ही बरक़रार रहेगी जैसे थी! अब देखिए इतनी समझदारी तो आप को दिखानी ही होगी! शब्दों में भी और एक्शन में भी! इसी से सारी प्राब्लम का निदान हो पाएगा!
श्रुति से सीधे सीधे पूछ लेने का मक़सद ये है कि आप अपनी भावनाओं को आज उन तक पहुँचा दें, बजाए कि आप अगले दिन अपने दिल में किसी मलाल के साथ उठें| साफ़ साफ़ बात कर लेना बेटर रहता है, और वैसे भी ना कह देने से तो बेटर ही है!
अब जब कह दिया है तो अपने आप को रिजेक्शन के लिए भी तयार कर के रखिए! क्योंकि हो सकता है कि श्रुति आप के दोस्त के लिए संपूर्ण रूप से समर्पित है और आप के साथ दोस्ती के अलावा कोई रिश्ता नहीं चाहती! उस सिचुयेशन में सब से बेहतर होगा, शांति के साथ पीछे हट जायें और उस जोड़ी के साथ एक साथ मिलना मिलाना कम कर दें ताक़ि आप के मन में कोई बुरे विचार ना आयें! अपने दोस्त से अकेले में जितना मर्ज़ी मिलें!
अगर श्रुति की तरफ से आप को कोई हिंट मिलता है कि वो भी आप को पसंद करती है और आप के साथ रोमॅंटिक रिश्ता बनाना चाहती हैं, तो बस हुज़ूर, आप की गाड़ी तो निकल पड़ी! अब अगला कदम होगा, अपने दोस्त को इस बात से अवगत कराने का, वो भी सुख-शांति से| समझ रहे हैं ना आप?
हाँ इस सिचुयेशन में किसी ना किसी को हर्ट होना तो ज़रूरी है, और हो सकता है कि वो आप का दोस्त हो, अगर श्रुति ने हाँ कह दिया है तो! लेकिन आप इस में अपने दोस्त की ख़ास मदद नही कर पाएँगे! बेहतर होगा कि आप उन्हें मिल कर (श्रुति के साथ), बता कर, समझा कर अपनी सिचुयेशन की पॉज़िटिव साइड में लाने की कोशिश करें| लेकिन ये भी हो सकता है कि वो ना समझें और आप से दोस्ती तोड़ दें! तो साहब, ये तो होना ही है! या तो प्यार रहेगा, या दोस्ती| दोनो के एक साथ रहने के चान्सेज़ ज़रा कम ही हैं, अगर आप एक्सट्रा लकी हुए तो!
दोस्त, इस सारी सिचुयेशन में जो बात ख़ास ध्यान रखने की है, वो है ऑनेस्टी, यानी कि सच्चाई! आप खुद से, श्रुति से, और अपने दोस्त से, ऑनेस्ट रहें और दिल की बात साफ़ साफ़ लेकिन मोहब्बत भरे तरीके से कहें! क्योंकि आप को मोहब्बत हुई है! और इस में आप का कोई कुसूर नहीं है!
नतीजा कुछ भी निकले, चाहे श्रुति आप की गर्लफ्रेंड बन जायें या नहीं, चाहे आप का दोस्त कुछ वक़्त के लिए नाराज़ हो जाए, अपनी ज़िंदगी बिल्कुल वैसे ही जीते रहिए जैसे आप जीते थे| क्योंकि मोहब्बत के साथ साथ ज़िंदगी भी तो एक बड़ी ही खूबसूरत नहमत है खुदा की, क्यों?
हम आशा करते हैं कि आप को इस लेख से काफ़ी मदद मिली होगी इस प्राब्लम से उबरने के लिए!