प्रियंका चोपड़ा की अगली हिंदी फ़िल्म बाजिराओ मस्तानी रिलीज़ होने वाली है और ज़ाहिर है कि फ़िल्म के प्रोमोशन्स के लिए सभी सितारे एड़ी-छोटी का ज़ोर लगा रहे हैं|
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने एक तरफ़ मैदान संभाल रखा है तो प्रियंका दूसरी तरफ़ से बमबारी कर रही हैं!
इसी के चलते उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कुछ ऐसी बात कहीं जिसे सुनकर सच में लगा कि ये लड़की सच में कमाल है!
आप भी पढ़िए ये 8 बातें और बताईये कि कैसा लगा:
1) कुछ पाना है तो भागना पड़ेगा
प्रियंका का कहना है कि उन्हें कुछ पाना है तो उसके लिए जम के मेहनत करनी पड़ेगी, वो ये सोच के नहीं बैठ सकतीं कि मैं प्रियंका चोपड़ा हूँ तो मुझे सब मिल ही जाएगा!
2) पहले भारतीय
ये सोच हम सभी को उन पर गर्व करने के लिए मजबूर कर देती है! हॉलीवुड में भी नाम कमाने के बाद उनका मानना है कि पहले वो भारतीय एक्ट्रेस हैं और फिर कुछ और!
3) इंस्टिंक्ट्स
प्रियंका ने बताया कि कभी एक्टिंग सीखी नहीं इन्होंने और जो भी कुछ करती हैं अपने इंस्टिंक्ट्स यानि अपने दिल की आवाज़ सुन कर करती हैं! यही उनकी शक्ति भी है अब! बात में दम है, है ना?
4) पुरुष–प्रधान समाज
इनका दिल से मानना है कि महिलाओं को आदमियों की बराबरी का जो हक़ नहीं मिला, ये सिर्फ़ भारत की ही नहीं, पूरे विश्व की समस्या है! और इसका कारण है सदियों से चली आ रही प्रथाएँ और एक छोटी-सोच जिसके बदलने का वक़्त अब आ चुका है!
5) सेल्फ़–रिस्पेक्ट
बड़ी ही दृढ़ता से इनका मानना है कि सबसे पहले आपकी ख़ुशी और सेल्फ़-रिस्पेक्ट है और फिर बाद में कुछ और! अगर एक लड़की अपना सब कुछ एक रिश्ते में देने के लिए तैयार होती है तो उसके पार्टनर का भी फ़र्ज़ है कि वो उसे उतनी ही तवज्जोह दे जो वो लड़की डिज़र्व करती है! उस से कम मिले तो रिश्ता ज़बरदस्ती निभाने की कोई ज़रुरत नहीं है!
6) ख़ुद पर भरोसा
प्रियंका का मानना है कि वो फ़िल्म का चयन करते वक़्त, अपने किरदार, डायरेक्टर और फ़िल्म की कहानी पर ध्यान देती हैं! इस बात से फ़र्क नहीं पड़ता कि हीरो की भूमिका में कौन है!
7) मिल कर चलना
वैसे तो बॉलीवुड मशहूर है एक्ट्रेसेस के आपस में होते मुक़ाबले को लेकर, प्रियंका का मानना है कि वो अपने हुनर को लेकर कॉनफ़िडेंट हैं और किसी और एक्ट्रेस से प्रतियोगिता में विश्वास नहीं रखतीं! बस, सबको साथ लेकर चलने में यक़ीन है उन्हें ताक़ि फ़िल्म अच्छी बन सके!
8) अपना मुक़ाम
जैसी हैं, वैसी ही रहना चाहती हैं! अपने आप से ख़ुश, अपनी इम्प्रूवमेंट पर ध्यान देने वाली और सिर्फ़ इस बात की परवाह करने वाली कि अपने आज को बीते हुए कल से कैसे बेहतर बनाना है! दूसरों को गिराना नहीं लेकिन ख़ुद को कैसे ग्रेट बनाना है!
कुछ भी कहिये, ये बातें एक विनर, एक विजेता ही कर सकता है! इसीलिए शायद प्रियंका इतनी छोटी उम्र में इतने बड़े मुक़ाम पर पहुँच पायी हैं! आशा है और नयी सफ़लताएँ हासिल करें वो!