क्या आप कभी यह कल्पना कर सकते हैं कि पाकिस्तान में जन्मा, पला-बड़ा कोई इंसान हिंदुस्तान के बारे क्या सोच सकता हैं?
आप सब के ज़ेहन में एक तरह की बात ही आएगी ना ‘नफ़रत’…
कोई पाकिस्तानी मुसलमान हिंद्स्तान से सिर्फ नफ़रत ही कर सकता हैं.
लेकिन क्या हो जब एक पाकिस्तानी मुसलमान के दिल में हिंद्स्तान और हिन्दुस्तानियों के लिए नफ़रत की जगह उसके दिल में सिर्फ प्यार हो, हिन्दुस्तानियों के प्रति सच्चा सम्मान हो!
यकीन नहीं होता ना, पर यकीन करिएँ यह बातें सच हैं.
वह पाकिस्तानी मुसलमान अभी तक मानता हैं कि धर्म और इस्लाम के नाम पर जो पाकिस्तान बना हैं वह मुसलमानों की सबसे बड़ी गलती हैं.
वह इंसान खुद को आज भी हिन्दुस्तानी मानता हैं.
हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के पंजाब में 20 नवम्बर1949 को जन्मे एक पाकिस्तानी मुसलमान राइटर “तारेक फ़तेह” की जिनकी जड़े पाकिस्तान में ही हैं.
तारेक फ़तेह के वालिद पाकिस्तान के कराची के थे जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद यही बस गए थे. तारेक फ़तेह की शुरूआती पढ़ाई कराची से ही शुरू हुई और उनका ग्रेजुएशन भी कराची यूनिवर्सिटी से बायो केमिस्ट्री में हुआ. लेकिन अपने इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म के शौक के चलते तारेक 1970 में ‘कराची सन’ अखबार में बतौर रिपोर्टर काम करने लगे. अपनी आज़ाद सोच के कारण तारेक फ़तेह पाकिस्तान से सऊदीअरब गए और आखिर में कनाडा में रहने लगे.
“चेसिंग अ मिराज़” नाम की अपनी पहली किताब ने तारेक को इस्लामिक कट्टरपंथ की नज़र में इस्लामिक विरोधी बना दिया, लेकिन तारेक को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ा. वह अपना काम शिद्दत से करते रहे.
अभी कुछ दिन पहले तारेक फ़तेह भारत के 4 महीने के दौरें पर थे.
इन 120 दिनों में हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानियों के प्रति तारेक ने अपनी जो सोच बताई वह किसी भी हिन्दुस्तानी के सीना चौड़ा करने वाली बात होगी. अपने इस विडियो में तारेक ने हिन्दुस्तानी मुसलमानों को भी कई नसीहतें दी जो सच में काबिल-ए-तारीफ़ हैं.
आप सब से गुज़ारिश हैं थोड़ा समय निकल कर इस विडियो को ज़रूर देखियें.
विडियो लिंक.