दुनिया में अब तक ये फैसला हो नहीं हो पाया है कि श्रेष्ठ कौन है – पुरुष या महिलाएं!
इस मसले पर विश्वभर में बवाल ज़रूर हुआ है और सदियाँ गुजर भी जाए तो इस मसले का हल निकल पाना मुश्किल लगता है.
खैर, हम इस झंझट में ना पड़कर मुद्दे पर आए तो ज्यादा बेहतर है.
आज हमने आपके लिए कुछ नया सोचा है.. हमने सोचा कि क्यू ना हम एक बार महिलाओं की अच्छाइयों पर गौर फरमाए.. क्यू ना एक बार महिलाओं की उन खासियतों को समझने की कोशिश करे, जो दिन ब दिन उन्हें सफलता की ओर ले जा रही है.
दरअसल हम आपको ये बताना चाहते है कि एक पुरुष – एक महिला से बहोत कुछ सीख सकता है.
शायद आपको हमारी बातें अचरच लग रही हो, पर सिर्फ एक नजर आप इन बातो पर जरुर डाले.
चलिए देखते है एक पुरुष – एक स्त्री से क्या क्या सीख सकता है.
1 . सहनशीलता –
पुरुषो की अपेक्षा महिलाओं में सहनशीलता बहोत होती है. जब वे दफ्तर में काम करती है तो, कितने भी काम के तनाव हो, बड़े ही आसानी से निपटा देती है. यही वजह है कि बॉस कि प्यारी कर्मचारी होती है महिलाएं. काम का बर्डन किस तरह पार करना है, महिलाओं को बखूबी आता है. इन चीजो की कमियों के चलते, पुरुष ज्यादातर अपनी नौकरीयाँ बदलते रहते है.
2 . महिलाओं के पास है सफल होने का हुनर –
बिलकुल, यह बात सत प्रतिशत सत्य है. एक सही रणनीति का इस्तमाल करके महिलाएं सफलता जल्द हासिल कर ले जाती है. महिलाएं कोई भी काम करने के पहले एक तगड़ा प्लान करती है और फिर सही समय पर उन कार्यो को अंजाम देती, जिससे जीत उनकी मुट्ठी में होती है.
3 . साफ सफाई का आदत –
घर हो या दफ्तर, महिलाएं अपने आस पास का परिसर साफ़ रखती है. उनका मानना है कि साफ़ सफाई होगी तो लक्ष्मी का वास होगा. इस मामले में पुरुष पीछे पाए जाते है. ऐसा नहीं है कि पुरुषो को सफाई पसंद नहीं, उनका टाइम टेबल गलत होने के कारण, वे साफ़ सफाई समय से नहीं कर पाते.
4 . खुद को स्वस्थ रखती है महिलाएं –
सफलता हासिल करने के लिए उम्र बड़ी होनी चाहिए और उम्र बड़ी होने के लिए शरीर का स्वस्थ होना जरुरी है. इस मामले में महिलाएं गंभीर है. अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, महिलाएं अपने खाने पीने का बहोत ध्यान रखती है. बाहर के खानपान से दूरी रखते हुए, अपने हाथो का बना खाना पसंद करती है, वो भी बिलकुल समयानुसार. जबकि पुरुष ज्यादातार बाहार का खाना ही खाना पसंद करते है, कभी कभी बाहर खाना पुरुषो की मजबूरी भी होती है.
5 . राजनिती में सफल हिस्सेदारी –
जब बात महिलाओं से जुडी सफलता की हो रही हो तो राजनिती की बात ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. सभी क्षेत्रो में कार्यरत महिलाएं राजनिती में भी सक्रीय है, और बड़े बड़े राजनितिक पार्टियों की अगुवाई भी कर रही है. जिनमे सोनिया गांधी, ममता बेनर्जी, बहन मायावती जैसे बड़े नाम शामिल है. जानकारी के मुताबिक़ ये सभी महिलाएं सिर्फ 4 या 5 घंटे ही सोती है, बाकी समय सिर्फ काम करते है….
कहते है….
“स्त्री पुरुष ईश्वर की अनुपम कृति,
असमानता रखकर न करो विकृति”
इसका मतलब है, महिलाएं और पुरुष दोनों एक बराबर है. हमें इनमे असमानता नहीं करनी चाहिए.
हमारी माने तो महिला पुरुष की प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि पूरक है. ऐसे में अगर हम महिलाओं की अच्छी आदतों में से कुछ सिख लेते है तो हर्ज ही क्या है…
वैसे भी बचपन में हमने अपनी मां से बहोत कुछ सीखा है और आपको याद दिलादे कि वो भी एक महिला है या थी…