आज़ादी के इतने सालों के बाद भी देश के हर शहर, हर गावँ में अभी तक बिजली नहीं पहुँच पायी है|
और अगर पहुँची भी है तो कोई पता ठिकाना नहीं है कि कब तक रहेगी, कब आएगी-कब जायेगी! बड़े परेशान होते हैं लेकिन बच्चों के मज़े हो जाते हैं|
आईये बताता हूँ हमारे देसी बच्चे, जिनके घरों में जनरेटर-इन्वर्टर नहीं हैं, क्या करते हैं बिजली के बिना:
1) सबसे पहला लगता है किताबों पर ताला और रेस लगती है घर से बाहर दौड़ने की! अब अँधेरे में क्या पढ़ाई होगी लेकिन गली में क्रिकेट, पिट्ठू, भागम-दौड़ तो हो ही सकती है!