आपने वैसे कहानियों में विष कन्याओं का नाम जरूर सुना होगा.
आपने जरूर सुना होगा कि कभी इस तरह की लड़कियां होती थीं जो अपनी जुबान पर जहर लिए होती थीं और इनके काटने से कोई भी इंसान इसी तरह से मरता था जैसे कि किसी सांप ने काट लिया हो.
कई लोग तो विषकन्याओं को सांप ही मानते हैं.
कुछ लोग बोलते हैं कि विश्कान्याएं आधी इंसान होती है और आधी नागिन होती है. लेकिन आज हम आपको विष कन्याओं की दुनिया का असली राज बताने वाले हैं.
तो आइये जानते हैं कि यह विषकन्या क्या होती है-
1. विषकन्याओं के बारे में यह झूठ बोला जाता है कि वह आधी नागिन और आधी इंसान होती है. विषकन्या देखने में एक खुबसूरत लड़की हो होती थी.
2. विषकन्यायें बेहद ही खूबसूरत होती थी और राजा महाराजा इनको अपने यहाँ रखते थे. इनको दुश्मनों को मारने के लिए उपयोग किया जाता था. यह लड़कियां पहले दुश्मन को अपने जाल में फंसा लेती थीं और फिर उनको काटकर मार देती थीं.
3. इनकी जुबान पर जहर होता था. जी हां, असल में जहर इनके दाँतों में होता था. जैसे ही यह किसी को काट लेती थीं तो उसकी मृत्यु निश्चित हो जाती थी.
4. इनके शरीर में जहर डाला जाता था. सांप का अल्प मात्रा में जहर इनको पिलाया जाता था. विष से भरे पेड़ और जीवों के संपर्क में इनको पाला जाता था. इनके गले शरीर में जहर बनाया जाता था.
5. विषकन्या बनाने की शुरुआत वैसे आज से हजारों सालों पहले हुई थी. बचपन में मासूम और छोटी लड़कियों को परिवार से अलग कर दिया जाता था और तब शुरू होती थी इनकी मुश्किल ट्रेनिंग. इन विषकन्याओं को जहर पिलाया जाता था और बड़े-बड़े युद्ध में यह विषकन्या अपने मालिकों के काम आती थीं.
6. कुछ किताबों में बताया जाता है कि बचपन से दिया जाने वाला जहर, एक समय बाद इतना घातक हो जाता था कि इन लड़कियों का पसीना और लार तक जहरीली हो जाती थी. इन लड़कियों को सांप अगर काट ले तो सांप भी मर जाता था.
7. विषकन्या का सबसे गंभीर हथियार इनके साथ किया जाने वाला सेक्स होता था. यह लड़कियां बेहद खूबसूरत होती थीं. विपक्षी सेना के बड़े योद्धा या कई बार राजा इनके साथ सम्भोग करता था और वह फिर बिमारियों से मरता था.
8. विषकन्याओं को कई रहस्यमयी शक्तियां भी सिखाई जाती थीं. जिसको आज हम काला जादू बोलते हैं. इस तरह की शक्तियां हर लड़की के पास तो नहीं होती थीं लेकिन जिस विषकन्या के पास यह शक्तियां होती थीं वह सबसे खतरनाक विषकन्या बन जाती थी.
9. मगध नरेश नंद ने चंद्रगुप्त की हत्या के लिए विषकन्या भेजी थी, जिसे चाणक्य ने पहचान लिया था. ऐसा हमारी कुछ पुस्तकें बोलती हैं. बाद में चाणक्य ने उसी विषकन्या का इस्तेमाल कर चन्द्रगुप्त के दुश्मनों को मारा था.
10. कल्कि पुराण में भी विषकन्या सुलोचना का जिक्र मिलता है, जो जहरीली आंखों से ही दुश्मनों के प्राण ले लेती थी.
11. विषकन्या नाम से एक दोष भी व्यक्ति की कुंडली में होता है. यह दोष कुंडली का सबसे खराब दोष माना जाता है. कन्या के जन्म के समय यदि रविवार का दिन हो, द्वितीया तिथि पड़ रही हो व आश्लेषा या शतभिषा नक्षत्र हों तो इन योगों के मध्य जन्म लेने वाली कन्या को ‘विषकन्या योग’ में पैदा हुआ बताते हैं.
12. तो असल में विषकन्या कोई और नहीं बल्कि इंसान ही होती थीं. आजकल कुछ लड़कियों को खतरनाक बीमारियाँ जैसे एड्स देकर, दुसरे इंसानों को भी इससे पीड़ित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और यह भी विषकन्या का ही एक रूप है.
तो अब आप आज शायद विषकन्या का अर्थ पूरी तरह से समझ गये होंगे. अब से अगर कोई आपको विषकन्या के नाम पर बेवकूफ बनायेगा तो आप उसको एक सही जवाब दे सकते हैं.
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