अमरीका दुनिया का सबसे विकसित, सबसे शक्तिशाली और सबसे अमीर देश है|
यह बात तो सब जानते हैं और पिछले करीब एक साल में यह भी साबित हो गया है कि आईएसआईएस एक बड़ी ही क्रूर आतंकवादी संस्था है जो अपने शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है|
एक तरफ है लोगों की चुनी हुई सरकार और दूसरी तरफ है ज़बरदस्ती हथियाई हुई सत्ता| फिर भी हम कहेंगे की दोनो में कुछ ख़ास अंतर नही है! चौंक गये ना आप भी?
चलिए बताते हैं क्या समानतायें हैं दोनो में? कैसे अमरीका और आईएसआईएस दोनों एक है.
1) दोनो हिंसक हैं
आई एस आई एस के कारनामे तो आप सब ने देखे सुने होंगे ही, अमरीका भी कौन सा पीछे है? माना कि वो लोगों का सर काटके उसका वीडियो नही बनाते पर पिछले चार दशकों पर नज़र डालें तो विएतनाम से लेकर हाल ही में चल रही अफ़ग़ानिस्तान और सिरिया की लड़ाई में सिर्फ़ अमरीका का ही नाम सबसे उपर आता है| विएतनाम, अफ़ग़ानिस्तान, इराक़, कुवेत, सिरिया के अलावा उनके ग्वेंटानमो बे के जेल की कहानियाँ कौन नही जानता? दुश्मनों (कुछ असली कुछ मनघड़ंत!) को ख़त्म करने के नाम पर जो कोहराम अमरीका ने मचाया है, आई एस आई एस भी वही कर रहा है!
2) दोनो अपनी विचारधारा थोपने में लगे हैं
जाने क्यों दोनो को ही लगता है कि सिर्फ़ उनकी ही सोच सही है और जो उनके जीने का तरीका है वही दुनिया को अपना लेना चाहिए! एक तरफ आई एस आई एस धर्म को ढाल बना अपना उल्लू सीधा करने में लगा है तो वहीं अमरीका अपनी तरह की प्रणाली, अपनी तरह की सोच को सही मानते हुए दुनिया को वैसे ही जीने के लिए मजबूर कर रहा है| अमरीकी जीवन हर दोष से मुक्त हो, ऐसा नही है! उनकी दिक्कतें, उनकी परेशानियाँ खुद उनकी बनाई हुई हैं तो क्यों बाकी दुनिया उन्ही के कदमों पर चलती हुई वही परेशानियाँ झेले? जब सबको अपनी इच्छा अनुसार जीने का हक़ होना चाहिए तो क्यों आई एस आई एस या अमरीका की बात सुनी जाए?
3) दोनो दुनिया पर राज करना चाहते हैं|
अमरीका पिछले कई सालों से बिना ताज का बादशाह बना बैठा है! हर देश, हर मुसीबत में अमरीका अपनी नाक घुसाता ही है ताकि उसकी ज़रूरत हर वक़्त सबको रहे और उसके बिना दुनिया में पत्ता भी ना हीले| अब आई एस आई एस भी अपने तरीके से, इस्लाम को दुनिया में सबसे श्रेष्ठ बताते हुए यही करने की कोशिश कर रहा है| आख़िर में दोनो को चाहिए क्या? सत्ता, वो भी पूरे विश्व की!
4) दौलत का लालच
एक तरफ आई एस आई एस लोगों को अगवा कर फिरौती में या गैर-क़ानूनी ढंग से तेल बेच पैसे कमा रहा है तो वहीं अमरीका की सोच भी किसी भी हालत में पैसे बटोरने की ही है| इराक़ युध के बारे में किसे नही पता कि वो सिर्फ़ तेल के कुओं पर अधिकार जमाने के लिए ही किया गया था!
आख़िर में बात साफ़ है कि अगर अमरीका आई एस आई एस को आतंकवादी संघठन मानता है तो फिर उसे अपने पहलू में भी झाँक कर देखना होगा! सिर्फ़ अपने देश के लोगों के बारे में नही, सारी दुनिया के बारे में सोचना होगा अगर वो चाहता है की उसका अव्वल दर्जा बना रहे!
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