दुबई की जेल में – सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लोग दुबई में काम-काज और घूमने के सिलसिले में जाते हैं.
लेकिन कई लोग वहां जाकर किसी गलत काम में फंसकर जेल की सलाखों के पीछे भी चले जाते हैं.
हालांकि जेल की सलाखों के पीछे जानेवालों में महिलाएं भी शामिल है. वैसे दुनिया की किसी भी जेल में कैदियों के साथ बुरे व्यवहार की खबरें ही सुनने को मिलती है यही वजह है कि जेल का नाम सुनते ही आम इंसान सहम से जाते हैं.
आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुबई की जेल में रहनेवाली महिला कैदियों से होनेवाले व्यवहार के बारे में.
जी हां आखिर दुबई की जेल में रहनेवाले महिला कैदियों के साथ क्या-क्या होता है चलिए ये जानते हैं.
आधुनिक सुविधाओं से लैस है ये जेल
वैसे दुबई में अल अवीर स्थित महिला जेल में बताने के लिए ढेर सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं. सफेद रंग की ऊंची-ऊंची दीवारों से घिरे इस जेल में वॉच टावर्स बनाए गए हैं.
इस जेल का निर्माण ओपन कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए किया गया है. यहां के बैरकों में ताले नहीं लगाए जाते ताकि महिला कैदी यार्ड में घूम-फिर कर आपस में बात कर सकें.
आपको बता दैं कि इस महिला जेल से लगा हुआ पुरुष कैदियों का एक अलग सेक्शन भी है. जबकि नाबालिगों के लिए एक अलग सेक्शन बनाया गया है. महिलाओं वाले सेक्शन में कैदियों को बच्चों के साथ खेलने, जेल के स्टोर से खरीददारी करने की छूट महिला कैदियों को दी गई है.
इस जेल में कुरान क्लास, क्राफ्ट क्लास और डेंटिस्ट क्लीनिक की सुविधा भी मुहैया कराई गई है इसके अलावा कैदियों के बच्चों के लिए प्ले एरिया भी बनाया गया है.
इस महिला जेल में हैं 400 कैदी बंद
अल अवीर वुमेन जेल में करीब 400 कैदी बंद हैं. जिसमें ज्यादातर विदेशी महिलाएं शामिल हैं. ये महिलाएं रूस, ईरान, इथोपिया, श्रीलंका, पाकिस्तान और भारत जैसे देशों से ताल्लुक रखती हैं.
इस जेल में महिला कैदियों को सलवार कुर्ते की तरह गुलाबी रंग की ढीली-ढाली यूनिफॉर्म पहननी पड़ती है. इस यूनिफॉर्म के साथ उन्हें सिर और चेहरे को ढ़कने के लिए एक कपड़ा भी दिया जाता है.
कैदियों के कुर्ते पर दाहिनी तरफ अलग-अलग रंगों की पट्टियां लगी होती हैं जिससे उनके सजा की अवधि का पता चलता है. उदाहरण के तौर पर लाल रंग की पट्टी का मतलब है सात साल या उससे ज्यादा की कैद.
वहीं इस जेल में तैनात महिला कर्मचारी अक्सर हरे रंग के लिबास में नजर आती हैं. जेल की इन महिला कर्मचारियों को विनम्र और सहयोगी बताया जाता है. हालांकि इस जेल में कैद कैदियों के अनुभव इसकी कुछ और ही कहानी बयान करते हैं.
विदेश महिला कैदियों के हैं बुरे अनुभव
दुबई में अक्सर पश्चिमी देशों की बहुत सारी महिलाएं कामकाज और पर्यटन के लिहाज से आती हैं लेकिन कई बार उन्हें ऐसे जुर्म के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है जो उनके देश में बहुत ही सामान्य सी बात होती है.
ऐसी ही एक महिला ने जेल के भीतर के अपने बुरे अनुभव के बारे में बताया. इंग्लैंड की चार्लोट एडम्स के मुताबिक उन्हें दुबई की जेल में 23 दिन गुजारने पड़े थे क्योंकि उन्होंने एक रेस्टॉरेंट में अपने पुरुष साथी को गाल पर किस कर दिया था.
जेल से बाहर आने के बाद चार्लोट नाम की महिला ने बताया कि जेल में सभी महिला कैदियों को सुबह 6.30 बजे उठना पड़ता है. जबकि रात को 10.30 बजे बैरकों के दरवाजे बंद हो जाते हैं और लाइट्स बंद कर दी जाती हैं. जिसके बाद कैदियों को आपस में बात करने की इजाजत नहीं होती है.
इस महिला कैदी के अनुसार जेल में कैदियों को खुलकर बात करने की इजाजत नहीं दी जाती है. उनकी आवाज होने पर या आपस में बातचीत करने पर जेल में तैनात महिला कर्मचारियों की तरफ से चेतावनी मिलती रहती है. यहां तक कि जेल में मिलनेवाले नाश्ते और खाने का स्तर भी काफी खराब होता है.
गौरतलब है कि दुबई की जेल में भले ही आधुनिक सुख-सुविधाएँ है लेकिन इस जेल में कैद ज्यादातर विदेशी महिलाओं के अनुसार इस जेल में महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है.
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