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मृत्यु के बाद शरीर के ये अंग जीवित नहीं होते हुए भी कार्य करते महसूस होते है!

मृत्यु के बाद

मृत्यु के बाद शरीर को एक मिटटी का ढेर समझा जाता है और जला दिया जाता है या दफना दिया जाता है.

लेकिन मौत के बाद भी शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं, जो जीवित रहते है और उनमे हलचल महसूस की जाती है.

शरीर के सारे भाग निष्क्रिय होकर कार्य करना बंद कर देते है, परन्तु ये अंग के कार्य करने व बढ़ने की बात  कही जाती है. 

तो आइये जानते है मृत्यु के बाद शरीर के कौन से अंग है, जो कार्य करते महसूस होते है.   

सर के बाल

मृत्यु के बाद जिनको दफनाया जाता है, अकसर सुनने को मिलता है कि उनके बाल बढ़कर लम्बे हो गए होते है. वास्तव में  यह बाल स्किन के खीच जाने से बढ़ा हुआ दिखाई देता है, जिससे  बाल में कुछ हद तक वृद्धि होने का एहसास होता है.

नाखून

मृत्यु के बाद इंसान के नाख़ून पैदा नहीं होते, लेकिन उनमे बढ़ोतरी देखी जाती है. इसमें कुछ वृद्धि नहीं होती है परन्तु चमड़ी के खीचने के कारण बढे हुए दिखाई देते है.

 मांसपेशियों में सक्रियता

ब्रेन की मृत्यु के बाद ही शरीर के बाकी हिस्सों में स्नायु संस्थान सक्रिय होने लगता है और मौत होने पर भी शरीर में हलचल दिखाई देती है. वास्तव में नर्व स्पाइनल कॉर्ड दिमाग को संदेश भेजती है, जिसकी वजह से सारी मांसपेशियों में हलचल और ऐंठन होने लगती है.

त्वचा सेल

ब्लड सर्कुलेशन में जब कमी होती है तो पहले कुछ पल में मस्तिष्क की मौत होती है. लेकिन त्वचा की सेल्स कुछ दिन तक जीवित रह सकती है, जबकि अन्य सेल्स मर जाते है.

स्वर तंतु  

मृत्यु के बाद मांसपेशियों के कड़ा होने से स्वर तंतु (वोकल कॉर्ड्स ) अकडऩे  लगती है और उसके बाद उसमे से डरावनी आवाजे सुनाई देती है.

पाचन तंत्र

हमारे शरीर के अंदर कई तरह के सूक्ष्म जीव रहते है, जो मौत के बाद भी जिन्दा रह जाते है. इनमे पैरासाइटिक भी होते है, जो भोजन के पाचन में मदद करते है. यह मृत्यु के बाद आंतों के अंदर रह कर गैस बनाते रहते है, जिससे मौत के बाद शरीर फूलने लगता है. 

मूत्र उत्सर्जन

मृत्यु के बाद भी मूत्र उत्सर्जन की क्रिया होती है. शरीर का कठोर खांच मांसपेशियों को कड़ा कर देता जो कड़ा रहते है वह मौत के कुछ देर बाद लचीला होने लगता है और मौत होने के बाद भी मूत्र उत्सर्जन की क्रिया होती है.

वीर्य  स्राव

मृत्यु के पश्चात् कई बार  कैलशियम के लिए झिल्ली पारगम्य होती है, जिससे सेल्स तेजी से नहीं फैल पाता हैं और  आयन ( मॉलीक्युलर जो इलेक्ट्रिकली चार्ज  रहता है ) वह सब बाहर आने लगता है. इसके बाहर निकलने के कारण मांसपेशियां सिकुड़ने लगी है और इसके कारण शरीर कड़ा होता जाता है.

भ्रूण निकलना 

कई बार गर्भवती औरतों के मृत्यु के बाद भी  भ्रूण बाहर आने लगते है. मृत्यु के बाद शरीर के अंदर गैस बनने लगता है और मांसपेशियां लचीली हो जाती है और भ्रूण बहार आ जाते है.

मृत्यु के बाद शरीर का यह हिस्सा कार्य करता है, जिसे इन अंगो का जिन्दा होने का भ्रम होने लगता है. वास्तव में ये अंग शरीर के मौत के बाद निष्क्रिय होते हुए कार्य करते है और जिन्दा महसूस होते है.

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