नर्क में भला कौन जाना चाहता है.
लेकिन हमारे शास्त्रों में कई जगह साफ़-साफ़ लिखा गया है कि किस तरह का आचरण करने वाले लोग नर्क में जाते हैं. वैसे आजकल की पीढ़ी तो जैसे जवानी के दिनों में नर्क से डरती ही नहीं है. किन्तु असल में कलयुग के अन्दर तो इंसान को नर्क जीते-जी भी मिलने लगा है.
तो आज हम आपको बताते हैं कि पितामह भीष्म ने किन लोगों को बताया है कि वह जीते-जी नर्क में रहते हैं-
पितामह भीष्म ने कहा –
1. वह व्यक्ति को मांस-शराब का भोगी है
भीष्म पितामह बताते हैं कि इंसान को शाकाहारी बनाया गया है. यदि व्यक्ति मांस खाता है जो उसके पेट में वह 3 से 4 दिन में पचता है. सनातन धर्म के लोगों को खासकर मांस और शराब का पान नहीं करना चाहिए. हमारी संस्कृति में मांस और शराब को जगह नहीं दी गयी है. मॉस खाने वाले लोगों को इस तरह से जड़ समेत उखाड़ दिया जाता है जिस तरह से मूली के खेत उखाड़ दिए जाते हैं.
2. वह व्यक्ति जो धर्म का अनादर करता है
वह व्यक्ति भी जीते-जी नर्क में जीवन जीता है जो धर्म का अनादर करता है. यहाँ जीते-जी नर्क से अर्थ यह है कि या तो उसको बीमारियाँ होंगी या फिर वह अपने परिवार से दुखी हो जाता है. यही तो जीते-जी नर्क बताया गया है. तो जो व्यक्ति धर्म का अनादर करता है वह नर्क भोगता है.
3. वह व्यक्ति जो पर स्त्री में फंसा रहता है
भीष्म पितामह साफ बताते हैं कि वह व्यक्ति जो पर स्त्री के मोह में फंसा रहता है अर्थात जो अपनी स्त्री के अलावा अन्य स्त्रियों के जाल में है वह जीते-जी भी नर्क में रहता है और बाद में भी नर्क भोगता है. आज कलयुग में हर रोज कई व्यक्ति पर स्त्री के कारण मर रहे हैं और यह इस बात का उदाहरण है कि इस तरह के लोग जीते-जी नर्क में होते हैं.
4. जो गरीबों का धन खाता है
वह व्यक्ति जो दूसरों के धन को भी खा जाता है उस तरह के व्यक्ति को एक ना एक दिन नर्क भुगतना ही होगा. ईश्वर ने सभी के हक़ के लिए धन दिया है और समय-समय पर देता रहता है लेकिन यदि उसने आपको अन्य लोगों की मदद के लिए धन दिया है और आप उस धन को खुद खाते हैं तो आप एक दिन नरक भोगेंगे.
5. दोस्त की पत्नी से संबंध रखने वाला
दोस्त से तो वैसे किसी भी तरह का छल नहीं करना चाहिए. दोस्त आपके ऊपर काफी विश्वास करता है और आपको घर तक लाता है किन्तु यदि आप दोस्त की पत्नी के साथ किसी भी तरह के शारीरिक संबंध बनाते हैं तो आपको नर्क में जाना ही होगा.
6. वह व्यक्ति जो पशुओं की बलि देता है
पितामह भीष्म ने सबसे अधिक जोर इस बात पर दिया था कि जो व्यक्ति बेजुबान पशुओं की बली देता है वह नर्क जरुर जाता है. भीष्म बताते हैं कि पशुओं के रक्त की धार बहाने वाला नर्क नहीं जायेगा तो और कौन जायेगा?
पितामह भीष्म ने कहा – इस प्रकार से यह 6 तरह के लोग ऐसे हैं जो यह काम करते है वो जीते-जी नर्क में जीते हैं. इन लोगों को जीवन में कई बार इतना बड़ा दुःख मिलता है कि वह विचलित हो जाते हैं. साथ ही साथ इस तरह के कर्म करने वाले व्यक्ति को मरने पर भी नर्क मिलता है.
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