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आज़ाद हिन्द सेना के सिपाही अपना पेट भरने के लिए आज क्या कर रहे हैं? एक दर्द भरी दास्तान!

आज़ाद हिन्द सेना के सिपाही

जिंदा रहने के लिए भीख मांगते हैं पूर्व सैनिक ओरीलाल

श्रीपत की तरह ही बहराइच के प्रयागपुर में रहने वाले 99 साल के ओरीलाल उम्र के इस पड़ाव में ज़िंदा रहने के भीख मांगने को मजबूर हैं.

ओरीवाल साल 1942 में ब्रिटिश सेना छोड़कर आज़ाद हिन्द सेना के सिपाही हो गये थे. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में आज़ाद हिंद फौज की तरफ से रेडहिल इम्फाल में ऑपरेशन यूजीओ की कमान संभाली थी.

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