दिल में अब भी है देश के काम आने का ज़ज्बा
श्रीपत जी अपनी पत्नी के साथ हंसारी में एक झोपड़ी में रहतें हैं.
श्रीपद जी का कहना है कि भले ही आज वो भीख मांगकर गुजारा करने को मजबूर है लेकिन वो आखिरी सांस तक अपने देश के काम आना चाहते हैं.
उनका कहना है कि नेताजी की आज़ाद हिन्द सेना के सिपाही बनकर देश के लिए लड़ना उनके लिए गौरव की बात है.